केवल मई माह में बुंदेलखंड में तीन लाख से अधिक जानवरों की मौत हो गई
केवल मई माह में बुंदेलखंड में तीन लाख से अधिक जानवरों की मौत हो गई
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बुंदेलखंड​: उतर प्रदेश के बुंदलखंड जिले में सूखे की त्रासदी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहां रोजाना करीब 10 हजार गायें मर रही है, लेकिन जो सरकार बीफ और गौहत्या को लेकर लगातार चिल्ला रही है, अब उसी की बोलती बंद है. स्वराज अभियान एनजीओ के सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव के मुताबिक केवल मई के महीने में सूखे से बुंदेलखंड में तीन लाख पशुओं की मौत हो चुकी है।

यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि गाय के लिए बीजेपी के प्यार केवल अखबारों और टीवी तक ही सीमित है. इतना ही नहीं पार्टी के राष्ट्रीय वाद-विवाद में भी गाय को राष्ट्रमाता बनाए जाने और बीफ की बिक्री के मामले को उठाया गया, लेकिन बुदंलखंड में एक माह में 3 लाख पशुओं की मौत हो गई और कोई सुध लेने नहीं आया।

यादव ने कहा कि प्रतिदिन सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में 10,000 गायें मर रही है. मध्य प्रदेश और उतर प्रदेश के 13 जिलों में पशुओं के शव बिखरे पड़े है. इससे बीमारियां फैलने की संभावना है. बीजेपी प्रवक्ता चंद्र मोहन ने इसके लिए राज्य की सपा सरकार को दोषी ठहराया, उन्होने कहा कि केंद्र के वॉटर ट्रेन के प्रस्ताव को ठुकरा देने वाली सरकार के अड़ियल रवैए को सब जानते है.

यादव की रिपोर्ट के अनुसार, एमपी और यूपी के बुंदेलखंड इलाके में कुल 11,065 गांव है. हर जगह चारा में कमी कती बात सामने आई है. चारा बैंक स्कीम केवल पेपर पर ही है. किसी को इसकी जानकारी नहीं है या तो फिर इसका फायदा उनलोगों को मिलता है, जिसके पास पशु है ही नहीं. 13 मई को सुप्रईम कोर्ट ने भी केंद्र व राज्य सरकार को सूखे से निपटने के लिए फटकार लगाई थी।

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