हममें से ज़्यादातर लोग कोयल की सुरीली आवाज़ से परिचित होंगे, पर क्या आप कोयल पक्षी के अन्य व्यावहारिक पहलूऔ को जानते है, आधुनिक विज्ञान और तकनीक ने हमें इस कदर काबिल बनाया है, के हम पशु जगत में प्राणियों के व्यवहार का सटीक आकलन और विश्लेषण कर सकते है | इसी सिलसिले में हाल ही में हुए कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का दावा है की, मीठी आवाज वाली कोयल का व्यवहार बेहद कटु और हिंसक होता है| वैज्ञानिकों का कहना है कि कोयल प्रजाति ने खुद को इस प्रकार विकसित किया है कि वह स्पैरो हॉक( चील प्रजाति का शिकारी पक्षी ) की तरह दिखती है।
कोयल एक बेहद आलसी पक्षी है, जो घोंसला बनाए बिना अपने अंडे दूसरे पक्षियों के घोंसले में देती है, और फिर उन्हें वहीं छोड़ देती है। इसे कोयल की चालाकी कहें या फिर उसका रुक्ष व्यवहार वह अपने भयभीत कर देने वाले व्यवहार से अन्य पक्षियों को डराती है और संबंधित पक्षी जिसके घोंसले में कोयल अंडे देती है, वह उसके अंडों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। उल्लेखनीय है कि कोयल और स्पैरो हॉक दोनों की पेट की सतह पर जो पंख होते हैं वह देखने में एक समान लगते हैं, इसीलिए अन्य पक्षी उन्हें देखकर डर जाते हैं। लेकिन दोनों में क्या फर्क है इसका पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने एक नकली कोयल और स्पैरो हॉक को एक चिडिय़ा के घोंसले के पास रख दिया। वैज्ञानिकों ने पाया कि चिडिय़ा उन दोनों में अंतर नहीं कर पाई और डर के कारण अपने ही घोंसले से चली गई।