नई दिल्ली: इंग्लैंड की जानीमानी शराब कंपनी डियाजियो ने विजय माल्या मुश्किलो को बढ़ाने की कोशिश की है। दरअसल, यूनाइटेड स्प्रिट्स के चेयरमैन और निदेशक का पद छोड़ने के लिए कहा है, लेकिन देश के प्रमुख शराब कारोबारी माल्या ने इस मांग को खारिज कर दिया है। यूनाइटेड स्पिरिट्स (यूएसएल) में डियाजियो की 54 फीसदी हिस्सेदारी है। माल्या के पास करीब 5 फीसदी शेयर ही हैं। अनुचित व्यवहार और नियमों के उल्लंघन के कथित आरोपों के मद्देनजर डियाजियो ने माल्या से पद छोड़ने को कहा है। डियाजियो ने यूनाइटेड स्प्रिट्स में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीद रखी है।
डियाजियो का कहना है कि जांच में यूनाइटेड स्प्रिट्स की ओर से यूबी समूह की कंपनियों को दिए गए कर्ज में अनियमितताएं सामने आई हैं इसलिए माल्या को पद छोड़ देना चाहिए। हालांकि माल्या ने आरोपों को गलत बताते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। डियाजियो का कहना है कि माल्या ने यूएसएल का पैसा गलत तरीके से किंगफिशर एयरलाइंस और समूह की दूसरी कंपनियों में लगाया।
जवाब में माल्या ने आरोपों को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर मसला सौहार्द्रपूर्ण तरीके से निपटता है तो ठीक, नहीं तो जो जरूरी होगा कदम उठाएंगे। यूएसएल कभी माल्या के यूबी समूह की अग्रणी कंपनी हुआ करती थी। लेकिन दो साल पहले इसकी बहुमत हिस्सेदारी डियाजियो ने खरीद ली थी। डियाजियो ने इसके लिए करीब तीन अरब डॉलर (19,000 करोड़ रुपए) चुकाए थे। मार्च 2014 को खत्म साल में यूएसएल को 4,488 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। इसी के बाद बोर्ड ने यूबी समूह की कंपनियों को दिए गए कर्ज की जांच का फैसला किया गया।
प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्लूसी) से कंपनी के खातों की जांच कराई। शनिवार को बोर्ड मीटिंग में जांच रिपोर्ट रखी गई। कर्ज में डूबे किंगफिशर एयरलाइंस की उड़ानें अक्टूबर 2012 से बंद हैं। उसके बाद माल्या को अपनी कई संपत्ति बेचनी पड़ी है। कई बैंकों ने उन्हें विलफुल यानी इरादतन डिफॉल्टर घोषित कर दिया है।aa
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