हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। यह त्यौहार, जो पाँच दिनों तक चलता है, धनतेरस से शुरू होता है और भैयादूज पर समाप्त होता है। दीपावली को भक्ति और स्नेह के साथ मनाते हुए, यह आवश्यक है कि हम सभी न केवल सच्चे मन से भक्ति के साथ पूजा करें, बल्कि वास्तु नियमों को सही तरीके से रखें। आइए जानते हैं कि दिवाली पर लक्ष्मीजी की पूजा के साथ-साथ अन्य देवताओं की पूजा करना किस दिशा में शुभ है:
उत्तर दिशा को वास्तु में धन की दिशा माना जाता है, इसलिए दीपावली पर, यह क्षेत्र यक्ष साधना, लक्ष्मी पूजन और गणेश पूजन के लिए आदर्श है। स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान धनवंतरी, अश्विनी कुमार और नदियों की पूजा करने से अच्छा स्वास्थ्य और सुख मिलता है।
दक्षिण दिशा में देवी माँ और हनुमानजी की पूजा करना, उत्तर-पूर्व दिशा में शिव परिवार, राधा-कृष्ण और पूर्व में भगवान राम की पूजा करना, भगवान विष्णु की पूजा करना और सूर्य की पूजा करने से परिवार की किस्मत बढ़ती है। शिक्षा की दिशा: पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में विद्यादायिनी, सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है।
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