उत्तरप्रदेश/लखनऊ : यूपी में शिक्षकों की भर्ती में हुई धांधली के बाद करीब 73 हजार शिक्षकों की भर्ती रद्द हो सकती है. इस मामले में हुई गड़बड़ी सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मामले में गड़बड़ी के आरोप सही पाए गए तो सभी नियुक्तियां रद्द हो जाएंगी. मंगलवार को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान अभ्यर्थियों की ओर से पेश वकील ने आरोप लगाते हुए कहा कि बगैर टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के ही करीब 20 हजार नियुक्तियां हुई हैं.
अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए शिकायतकर्ता को हलफनामे के जरिए बात रखने के लिए कहा है. अदालत का कहना है कि हलफनामे को देखने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी. वहीँ इससे पहले इस मामले में राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि 72825 में से 54146 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है.
बता दे कि राज्य की मायावती सरकार में करीब 73 हजार शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला लिया गया था. सरकार ने अधिसूचना जारी कर नियुक्ति का आधार टीईटी को रखा. टीईटी में सफल उम्मीदवारों को काउंसिलिंग भी शुरू हो गई थी. लेकिन सरकार बदलने के बाद सरकार की ओर से नई अधिसूचना जारी कर इस नियम में बदलाव करने का निर्णय लिया गया, नए नियम के तहत टीईटी और क्वालिटी मार्क्स, दोनों को नियुक्ति का आधार बनाया गया.
सरकार के इस फैसले का छात्रों ने जमकर विरोध किया और फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मायावती सरकार की अधिसूचना को सही ठहराया. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसे दरकिनार कर दिया गया था.
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