'यह अमृतकाल की सुबह, यह भारत के नए भविष्य का प्रमाण..', पीएम मोदी बोले- कड़वाहट भूलो, विकास के लिए साथ आओ
'यह अमृतकाल की सुबह, यह भारत के नए भविष्य का प्रमाण..', पीएम मोदी बोले- कड़वाहट भूलो, विकास के लिए साथ आओ
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार (19 सितंबर) को नए संसद भवन में संबोधन देते हुए कहा कि नई संसद भारत की आजादी के "अमृतकाल की सुबह" है और यह भारत के नए भविष्य का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि, "मैं इस नए संसद भवन में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। यह अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। यह आजादी के अमृत काल की शुरुआत है।"

पीएम मोदी ने कहा कि, "चंद्रयान-3 की आसमान छूती सफलता हर देशवासी को गर्व से भर देती है। भारत की अध्यक्षता में G20 का असाधारण आयोजन वैश्विक वांछित प्रभाव प्राप्त करने जैसी अनूठी उपलब्धियों का अवसर बन गया। इसके आलोक में आधुनिक भारत और प्राचीन लोकतंत्र का प्रतीक - नए संसद भवन में कार्यवाही आज से शुरू हो रही है।'' उन्होंने कहा कि नए भवन में संसद की कार्यवाही शुरू करने का यह शुभ दिन है, क्योंकि आज गणेश चतुर्थी है। उन्होंने आगे कहा कि, "आज संवत्सरी भी मनाई जाती है, यह एक अद्भुत परंपरा है। आज वह दिन है जब हम कहते हैं 'मिच्छामि दुक्कड़म', इससे हमें किसी ऐसे व्यक्ति से माफी मांगने का मौका मिलता है, जिसे हमने जानबूझकर या अनजाने में ठेस पहुंचाई है। मैं भी कहना चाहता हूं 'मिच्छामि दुक्कड़म', संसद के सभी सदस्यों और देश के लोगों को।"

इसके बाद पीएम मोदी ने नए भवन में कार्यवाही शुरू करते समय सभी पक्षों से पिछली दुश्मनी भूलने की अपील की। उन्होंने कहा कि, "संसद देश की सेवा करने का सर्वोच्च स्थान है। इस नए संसद भवन में हम जो कुछ भी करेंगे, वह देश के प्रत्येक नागरिक के लिए प्रेरणा होना चाहिए। जब हम एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं, तो हमें पिछली सभी कड़वाहटें भूल जानी चाहिए।" पीएम मोदी ने कहा कि संसद किसी एक पार्टी के विकास के लिए नहीं, बल्कि देश के विकास के लिए काम करने की जगह है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को याद करते हुए उन्होंने कहा कि, ''यह इमारत नई है, यहां सब कुछ नया है, लेकिन यहां विरासत का एक प्रतीक मौजूद है, जो कल को आज से जोड़ता है। संसदीय लोकतंत्र की इस नई शुरुआत पर, पहली बार का गवाह स्वतंत्रता की किरण, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी, वह पवित्र 'सेन्गोल' है। यह वह सेन्गोल है जिसे भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित नेहरू ने छुआ था।'

वहीं, नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि, "आज लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि हम नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही शुरू कर रहे हैं। हम भाग्यशाली हैं कि हम इसके गवाह बन सके। इस ऐतिहासिक दिन पर मैं आप सभी को बधाई देता हूं।"

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