मप्र के बड़वानी में 52 की आंखों की रोशनी गई
मप्र के बड़वानी में 52 की आंखों की रोशनी गई
Share:

भोपाल : मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में लगे नेत्र शिविर में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले 52 लोगों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई है। इंदौर संभाग के संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य) शरद पंडित ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। आंख की रेटिना (पुतली) में गंभीर संक्रमण और मवाद आ जाने से पहले 40 लोगों की आंखों की रोशनी गई थी, अब आंकड़ा बढ़कर 52 हो गया है। शरद पंडित ने आईएएनएस से कहा कि बड़वानी जिले में लगे नेत्र शिविर में ऑपरेशन कराने वाले 52 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, बाकी आठ मरीजों में से कुछ की रोशनी लौट भी सकती है। 

उन्होंने बताया कि शिविर में कुल 86 लोगों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया था, जिनमें से 60 लोगों की आंखों में संक्रमण हो गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंगलवार को कहा था कि बड़वानी की घटना दुखद है। आने वाले समय में किसी भी स्थान पर अब नेत्र शिविर नहीं लगेगा। सरकार ने रोशनी गंवाने वालों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने और इलाज का इंतजाम किया है। साथ ही प्रभावितों को आजीवन पांच हजार रुपये की मासिक पेंशन देने का ऐलान किया है। बड़वानी जिला अस्पताल में 16 से 23 नवंबर के बीच शिविर लगाकर कुल 86 लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। इनमें से 60 मरीजों की आखों में संक्रमण होने पर उन्हें इंदौर के अरविंदो और एमवाइएच अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीते रविवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नेत्र विशेषज्ञों के दल ने मरीजों की आंखों की जांच की थी। 

एम्स से आई टीम के प्रमुख डॉ. अतुल कुमार ने कहा था कि ऑपरेशन के दौरान प्रयुक्त आईवॉश फ्लूड के प्रदूषित होने के कारण मरीजों की आंखों में संक्रमण हो गया है। इनकी आंखों में रोशनी लौटना अब मुश्किल है। ऑपरेशन के बाद कई मरीजों की आंखों में दूसरे ही दिन से ही खुजली होने लगी और तीसरे दिन मवाद आने लगी। अस्पताल के जिस कमरे (ऑपरेशन थिएटर) में ऑपरेशन किया गया, उसमें मकड़े के जाले और खिड़कियों में जंग लगी पाई गई। आसपास काफी गंदगी भी फैली हुई थी।

लापरवाही की बात सामने आने पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल के नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ. आर.एस. पलोड़, सिविल सर्जन ए.एस. विश्वानर, ओटी इंचार्ज लीला वर्मा, नर्स माया चौहान, विनीता चौकसे, शबीना मंजूरी व सहायक प्रदीप चौकसे को निलंबित कर दिया है। 

ऑपरेशन में जिन उपकरणों का उपयोग किया गया और मरीजों को जो दवाएं दी गईं, उनकी जांच चल रही है। विपक्षी कांग्रेस ने बड़वानी नेत्र शिविर में उपयोग में लाई गई दवाओं के 'अमानक' होने का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा का इस्तीफा मांगा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये दिए जाने और मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग भी की है।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -