बिल में 44 रुपये ज्यादा लेना ढाबे वाले को पड़ा महंगा, अब देने होंगे 8 हजार

बिल में 44 रुपये ज्यादा लेना ढाबे वाले को पड़ा महंगा, अब देने होंगे 8 हजार
Share:

भोपाल: मध्य प्रदेश के भोपाल में जिला उपभोक्ता आयोग ने GST अधिक लेने के मामले में फैसला सुनाया है। उपभोक्ता विभाग ने मुबारकपुर के एक ढाबा पर अधिक GST लेने के मामले में जुर्माना लगाया है। GST के नाम पर बिल से अधिक पेमेंट काटने पर अभियुक्त ने ढाबा मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया हैं।

मुबारकपुर के विधि ढाबा पर आयोग ने 8 हजार 44 रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल, अनुराग सिंह नाम के शख्स ने 2017 में 370 रुपए का खाना खाया था, जिसका विधि ढाबा ने GST के नाम पर बिल से अधिक पैसे लिए गए। अनुराग सिंह ने पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया था। ढाबे वाले ने स्वयं से पैसे काट लिए एवं मांगने पर वापस नहीं दिया। अनुराग सिंह मौर्य ने 25 अगस्त 2017 को विधि ढाबे में दाल बाफले एवं खीर खाई थी। इस खाने का बिल 370 रुपए आया था। ढाबा मालिक ने बिना पूछे क्रेडिट कार्ड से 414 रुपए काट लिए। जब अनुराग ने पूछा तो उसने कहा कि यह एक्स्ट्रा पैसे GST के हैं।

अनुराग ने जब ढाबे की ओर से दिए गए नंबर को प्रशासन की वेबसाइट पर जाकर चेक किया तो GST नंबर गलत एवं अमान्य नजर आ रहा था। अनुराग ने इसकी खबर ढाबे वाले को दी तथा कहा कि उसने जीएसटी के नाम पर उससे ठगी की है। विधि ढाबे वाले ने अनुराग को पैसे वापस नहीं किए और उससे बदतमीजी भी की। ढाबा संचालक ने अदालत के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अनुराग द्वारा न्यायालय को गुमराह किया जा रहा है। उसने GST का सही नंबर नही लिखा तथा उसे इंटरनेट के सही उपयोग की जानकारी नहीं है। आयोग ने दोनों पक्षों के डॉक्यूमेंट की जांच की एवं ढाबा मालिक का पक्ष गलत ठहराया।

पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन ने मचाई तबाही, पीएम मोदी ने जताया दुःख, भेजी 1 मिलियन डॉलर की मदद

राजस्थान में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही, खराब किडनी की जगह निकाल दी सही किडनी

कौन है संत विजयनाथ योगी? जो खतरनाक गर्मी और चारों ओर आग के बीच कर रहे है 41 दिनों तक तप

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -