style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Arial, Tahoma, Verdana; font-size: 14px; line-height: 20px; text-align: justify;">नई दिल्ली : विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह का कहना है कि श्रीलंका में भारतीय शांति सेना भेजना राणनीतिक चूक थी। उन्होंने कहा कि नीतिगत चूक का इससे बड़ा उदाहरण और क्यो सकता है कि जिस भारतीय सेना को श्रीलंका शांति स्थापित करने के लिये भेजा गया था वहां जाकर सेना खुद लड़ाई में उलझ गई। पूर्व सेनाध्यक्ष सिंह ने यह बात अपनी आत्मकथा साहस और संकल्प के विमोचन अवसर पर कही।
नहीं बहादुरी में कमी-
सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ताकतवर तो है ही उसकी बहादुरी की भी तारीफ करना होगी क्योकि सेना ने सभी जगह बेहतर लड़ाईयां लड़ी है। सिंह का कहना है कि श्रीलंका में लड़ाई लिट्टे और श्रीलंका सरकार के बीच थी और सेना भेजने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर भारत सरकार एवं श्रीलंका सरकार के बीच हुआ था। लिट्टे के उपर श्रीलंकाई सरकार का अंकुश नहीं था और कोई जवाबदेही भी नहीं थी।
सिंह ने कहा कि भारतीय शांति सेना भेजने के मामने में नीतिगत चूक कई कारणों से हुई थी। जनरल वीके सिंह अपनी आत्मकथा के विमोचन मौके पर चीन-भारत संबंधों को लेकर भी बोले। उन्होंने कहा कि चीन ने जब से अरूणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत कहना शुरू किया है तभी से भारत के लिये नई परेशानी शुरू हो गई है।