श्रावण में अलख जगाऐं, भोले को मनाऐं
श्रावण में अलख जगाऐं, भोले को मनाऐं
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श्रावण मास भगवान शिव को बेहद प्रिय है। श्रावण मास में आराधना करने से भगवान बहुत ही पुण्यफल प्रदान करते हैं। इस दौरान भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं कुछ लोग भगवान शिव के रूद्राष्टक का पाठ करते हैं तो कुछ शिव को जल अर्पित कर शिव को प्रसन्न करते हैं तो कुछ पूरे सावनमास में एकासना कर व्रत रखते हैं। तो कुछ इस पूरे मास में मांस, मदिरा, मछली  आदि के सेवन से परहेज करते हैं।

माना जाता है कि भगवान की इस उपासना में श्रद्धालु सात्विकता चाहते हैं तो कुछ अपनी एक बुराई शिव के चरणों में अर्पित करते हैं। ऐसे में श्रद्धालु अपने मन को शिव भक्ति के लिए तैयार करते हैं। वैसे श्रावण मास में कुछ लोग दाढ़ी आदि भी नहीं बनाते हैं। भगवान को प्रसन्न करने के उपाय बहुत से हैं ऐसे में भगवान शिव को प्रातःकाल जल्दी उठकर नमन करना और शिव लिंग पर जल चढ़ाना प्रमुख हैं।

यदि श्रद्धालु शुद्धमन से और स्नान करअपने घर में प्रतिष्ठापित शिव लिंग या शिव जी के चित्र का पूजन करता है और फिर समीप के शिव मंदिरमें जाकर शिव लिंग का जलाभिषेक करता है साथ ही शिव को बिल्वपत्र, धतूरा और आंकड़े के फूल अर्पित करता है तो शिव प्रसन्न होते हैं।

इस दौरान श्रद्धालु ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हैं तो यह बहुत ही उपयोगी होता है। श्रावण मास में व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को खिचड़ी प्रसादी आदि का वितरण किया जाए तो यह बेहद उपयुक्त होता है। भगवान शिव अपने श्रद्धालुओं की सभी मुरादों को पूरा करते हैं। शिव नाम से ही मन शांत हो जाता है और अलौकिक आनंद की अनुभूति होती है। 

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