पटना : बिहार शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के परिणामों में हुई धांधली की आरोपी रुबि राय बड़ी मिन्नतों और तमाम नोटिसों के बाद अंततः शनिवार को बोर्ड के समक्ष पेश हुई तो सबसे पहले अपनी बुद्धिमता का परिचय दिया। बोर्ड के सामने रुबि ने यह भी माना कि कॉपी उसने नहीं लिखी थी। उसकी आरजू केवल सेकेंड डिवीजन से इंटर की परीक्षा पास करने की थी, लेकिन उसके चाचा ने उसे टॉप करा दिया।
रुबि के चाचा कोई और नहीं बल्कि बिशुन राय कॉलेज के प्राचार्य बच्चा राय है, जो पहले से जेल की सलाखों के पीछे है। बच्चा राय रुबि के पापा के दोस्त है। रुबि को अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश राधवेंद्र कुमार ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के तहत बेउर जेल भेज दिया। रविवार को बोर्ड के पूर्व चेयरमैन लालकेश्वर सिंह के निजी सचिव विकास चंद्रा को भी जेल भेज दिया गया।
शनिवार की रात को एसआईटी ने रुबि से पूछताछ की। रुबि से पूचा गया कि तुम परीक्षा देने गई थी, तो उसने कहा कि हाँ मुझे परीक्षा देने जाने के लिए कहा गया था। रुबि ने बताया कि उससे कहा गया था कि जिस सवाल का जवाब आए, वो लिख देना नहीं आए तो छोड़ देना। मुझे जवाब मालूम नहीं था, तो मैंने नहीं लिखा।
अगले सवाल में एसआईटी ने पूछा कि इतनी अच्छी कॉपी किसने लिखी? रूबी का जवाब था - मुझे क्या पता। फिर पूछा गया, तो तुम टॉप कैसे कर गई। तो जवाब मिला- मैं तो सेकेंड डिवीजन से पास करना चाहती थी पर चाचा (बच्चा राय) और पापा ने टॉपर बना दिया। जो पूछना है, उनसे पूछिए। शनिवार को बोर्ड ऑफिस से बाहर निकलते ही एसआईटी ने रुबि को हिरासत में ले लिया।
निजी सचिव विकास चंद्रा और रुबि को कड़ी सुरक्षा के बीच पटना सिविल कोर्ट लाया गया। छुट्टी का दिन होने के बावजूद दो घंटे तक कागजी कार्रवाई चली। इसके बाद पुलिस न्यायधीश के आवास पर ले गई। यहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।