नई दिल्ली : एक ओर जहां बाजार से मैगी के पैकेट्स नदारद हो चुके हैं और मैगी को बाजार में नहीं बेचा रहा है तो दूसरी ओर नेस्ले इंडिया को दोहरी चपत लगी है। जी हां, दोहरी। मैगी को नष्ट करने के लिए नेस्ले इंडिया ने अंबुजा सीमेंट को 20 करोड़ रूपए का भुगतान किया है। इस दौरान खाद्य नियामकों द्वारा मैगी को स्वास्थ्य के लिए बेहद खराब कहा गया था। जिसके बाद महाराष्ट्र के चंद्रपुर स्थित अंबुजा सीमेंट के प्लांट में मैगी को जलाने के लिए करीब 20 करोड़ रूपए खर्च किए गए। मिली जानकारी के अनुसार कंपनी द्वारा अंबुजा सीमेंट के प्लांट में मैगी जलाने की पुष्टि नहीं की गई।
मामले में कहा गया है कि बाजार से मैगी को एकत्रित करना, उसे नष्ट करने वाले केंद्र तक उसका परिवहन करना और नष्ट न करने की लागत जैसी बातें शामिल थीं। जिसे लेकर मैगी ने करोड़ों का खर्च किया। इस काम को किए जाने के बाद नेस्ले इंडिया द्वारा वित्तीय नतीजों को लेकर घोषणा की गई है। दूसरी ओर कंपनी ने अपने बचाव में मुंबई उच्च न्यायालय में अपील दायर कर दी इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए और कहा गया कि मैगी को विदेशों में निर्यात किया जा सकता है।