कैरोसिन सब्सिडी के भुगतान दर में कमी
कैरोसिन सब्सिडी के भुगतान दर में कमी
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा कैरोसिन सब्सिडी के भुगतान की दर तय कर दी गई है। जिसमें कहा गया है कि घरेलू गैस सिलेंडर पर 18 रूपए प्रति किलो की दर तय की गई है। अर्थात् अब प्रति किलो पर कैरोसिन पर 18 रूपए की सब्सिडी मिलेगी। इस तरह की दरें तय होने से लोगों को सुविधा होगी। मिली जानकारी के अनुसार केरोसिन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से 14.96 रूपए प्रति लीटर पर विक्रय किया जा रहा है। इस दौरान इसकी वास्तविक लागत 29.91 रूपए बताई जा रही है। इन दोनों के बीच 14.95 रूपए प्रति लीटर का अंतर आंका गया है।

मिली जानकारी के अनुसार केरोसिन की लागत राशन में विक्रय मूल्य के अंतर को पूरा किया जा सकता है। इस दर को तेल उत्पादक कंपनियों में ओएनजीसी और आॅईल इंडिया लिमिटेड द्वारा तय किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार 14.2 किलो के सब्सिडीशुदा एलपीजी सिलिंडर पर लागत से भी कम वसूली की गई है। 167.18 रूपए इसे तय किया गया है। 

मामले में यह बात सामने आई है कि रसोई गैस सिलिंडर की कीमत 417.82 रूपए तय की गई है। यही नहीं पैट्रोलियम मंत्री श्री प्रधान ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की पैट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली कंपनियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत विक्रय किए जाने वाले कैरोसिन के साथ सब्सिडीशुदा घरेलू एलपीजी के विक्रय पर राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। कैरोसीन के लिए 12 रूपए प्रति लीटर के बजट को स्वीकृति दी गई है।

यदि नुकसान होता है तो उसका भार तेल कंपनियों को वहन करना होगा। लोकसभा के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा गया है कि सरकार द्वारा घरेलू एलपीजी हेतु प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लिए 18 रूपए प्रति किलो की सब्सिडी तय की गई। इस दौरान इस मूल्य में तेल उत्पादन और खोज कंपनियों को वर्ष में केरोसिन 5000 से 6000 करोड़ रूपए की सब्सिडी का बोझ उठाना होगा। सब्सिडी कम होने से इसका भार उठा पाने वाले उपभोक्ताओं को इसके दाम पहले की अपेक्षा कुछ अधिक देने होंगे लेकिन ऐसे वर्ग को जरूर लाभ मिलेगा जो गरीब तबके का हो। 

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