नवग्रहों की अनुकुलता नहीं होने के कारण जातक न केवल परेशानी में पड़ता है वहीं ग्रहों की शांति के लिये भी ज्योतिषीय सलाह से उपाय तो किए ही जाते है वहीं रत्न आदि भी धारण करने की सलाह दी जाती है। हालांकि रत्न अपना काम निश्चित ही करते है लेकिन मंत्रोक्त रूप से भी नवग्रहों की शांति कर सुख समृद्धि को प्राप्त किया जा सकता है। यही कारण होता है कि ज्योतिषियों द्वारा नवग्रहों के मंत्रों का जाप करने की भी सलाह दी जाती है।
सभी के अलग-अलग है मंत्र
सभी ग्रहों के अलग-अलग मंत्र होते है तथा इन्हें विधि विधिान के साथ ही जपना चाहिये। यदि स्वयं जप न कर सकें तो किसी योग्य पंडित से जप पूरे करवाये जा सकते है। जप की संख्या कुंडली दिखाकर भी ज्योतिषी से पूछी जा सकती है। नवग्रहों का जाप करने से निश्चित ही ग्रहों की प्रतिकुलता अनुकुलता में बदलती है, ऐसा विश्वास किया जाना चाहिये।