रवि पुष्य नक्षत्र, खरीदी का महायोग
रवि पुष्य नक्षत्र, खरीदी का महायोग
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रविवार से दीपावली त्योहार का आगाज होगा। इस दिन विशेष रवि पुष्य नक्षत्र है और इस अवसर पर खरीदी का भी महायोग बन रहा है। रवि पुष्य नक्षत्र में खरीदी करना न केवल अति शुभ माना गया है वहीं पूजन आदि करने से सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में रवि पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व है। रविवार को पुष्य नक्षत्र में खरीदी का अक्षय फल प्राप्त होता है। तीन वर्षों बाद बना संयोग दीपावली के आठ दिन पहले रवि पुष्य नक्षत्र की तीन वर्ष बाद विशेष संयोग बना है।

ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र बताये गये है और इनमें से पुष्य नक्षत्र को तो खरीदी के लिये अति श्रेष्ठ माना गया है। रवि के साथ ही गुरूवार के दिन आने वाले पुष्य नक्षत्र को भी अच्छा माना जाता है। इस वर्ष दीपावली का त्योहार 30 अक्टूबर के दिन मनाया जायेगा। ज्योतिषियों के अनुसार रविवार को बनने वाले महायोग में अन्य कई विशेष संयोग भी होंगे इसलिये इस दिन खरीदी करना अति श्रेष्ठकर होगा। शाम तक करें खरीदी रवि पुष्य नक्षत्र में सुबह से लेकर शाम तक खरीदी की जा सकती है। फिर भी यदि इन मुर्हूत में खरीदी करें तो अति उत्तम होगा।

रवि पुष्य नक्षत्र के शुभ मुर्हूत

सुबह - 8. 40 से 9.10 बजे तक

सुबह - 10 से 12 बजे तक

दोपहर -12 से 3 बजे तक

शाम - 5 से 6 बजे तक।

यह करें, पायें माता लक्ष्मी की कृपा

रवि पुष्य नक्षत्र के अवसर पर माता लक्ष्मी को भी मनाने के लिये पूजन करने का विधान है। ज्योतिषियों के अनुसार शाम के समय गोधुलि वेला में अर्थात शाम 6.30 बजे से पूजन करने का शुभ मुर्हूत है। लक्ष्मी देवी की पूजन में भगवान विष्णु की मूर्ति भी रखी जाये तो उत्तम फल की प्राप्ति होती है। रविवार से ही शाम को घर में दीपक लगाने की शुरूआत की जाना चाहिये। इसके अलावा परिवार सहित पूजन करें, माता लक्ष्मी को मिठाई का भोग लगायें और आरती आदि कर सुख समृद्धि के लिये प्रार्थना करें।

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