![बैंको के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा को लेकर सामने आये राजन](https://media.newstracklive.com/uploads/business/business-expert/Sep/04/big_thumb/raghuram-rajan_55e959792cecb.jpg)
नई दिल्ली : रिज़र्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अंतर्गत बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अपना पक्ष रखा है. इस दौरान ही राजन ने कहा है कि सार्वजनिक बैंकों के निदेशक मंडल को पेशेवर बनाये जाने के बाद सरकार को इन सभी बैंको में निर्णय प्रक्रिया को विकेन्द्रीकृत करने का काम भी करना चाहिए. इसके साथ ही यह भी बता दे कि राजन ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए यह भी कहा है कि, "क्या निदेशक मंडल को रणनीति नहीं तय करनी चाहिए या अपने मुख्य कार्यकारी की नियुक्ति नहीं करनी चाहिए? उनके कार्यकारी निदेशकों के बारे में क्या कहेंगे? क्या बैंक के निदेशक मंडल के पास इन चीजों को चुनने की और स्वतंत्रता नहीं होनी चाहिए?’’
गवर्नर रघुराम राजन ने इस के साथ ही यह भी कहा है कि सरकार के इस कदम यानि निर्णय प्रक्रिया को विकेन्द्रीकृत करने के कदम से मंडल को अपना कार्य अधिक सुगमता से करने में मदद मिलने वाली है बल्कि इसके साथ ही बैंकों को बेहतर बनाने की अधिक स्वतंत्रता भी मिलेगी. राजन ने जानकारी देते हुए यह भी कहा है कि यदि निदेशक मंडल का एक निर्णय गलत साबित होता है तो इससे हमें हजारों करोड़ रूपये का नुकसान देखने को मिल सकता है.
इस कारण यहां यदि प्रतिभाशाली लोग शामिल हो तो फैसला लेने में अधिक सुगमता हो सकती है. इसके साथ ही बैंक बैलेंस शीट को लेकर गवर्नर ने यह कहा है कि बैंको की सेहत में सुधर को देखते हुए ऋणों को बट्टे खाते में डाला जाना चाहिए. इससे ना केवल बैंको के लिए इनके विलय का एक रास्ता सामने आएगा बल्कि साथ ही अन्य भी कई मदद मिलेगी.