शनिवार को शनिदेव के साथ ही पीपल के पेड़ और हनुमान जी की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. शनिदेव को ग्रहों की पूजा में भी शामिल किया जाता है .
1-शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं और इनकी माता का नाम छाया है. शनि को मंदा, कपिलाक्क्षा और सौरी के नाम से भी जाना जाता है.
2-शनिदेव नवग्रहों में से एक हैं जो इंसान के जीवन में प्रभाव डालते हैं. ऐसा माना जाता है कि शनि किसी भी व्यक्ति के बुरे प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं.
3-शनिदेव को बुरे ग्रहों में नहीं गिना जाता है क्योंकि यह व्यक्ति को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.
4-शनिदेव कठिन परिश्रम, अनुशासन, निर्णय लेने की क्षमता आदि गुणों के लिए जाने जाते हैं. शनि मनुष्य के इन्हीं गुणों से प्रभावित होकर फल देते हैं और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उन्हें ही अपने जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ता है.
5-शनिदेव की पूजा करने का सबसे अच्छा तरीका है उनका सरसो के तेल से अभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से सभी प्रकार की विपत्तियों से मुक्ति मिलती है.
इस मंत्र के जाप से करे शनिदेव को प्रसन्न
शनि दोष को शांत करने के लिए करे रुद्राक्ष का प्रयोग
क्या आप भी है शनि की साढ़ेसाती से परेशान