शकूर बस्‍ती झुग्‍गी मामला : तेज हुई राजनितिक बयानबाजी
शकूर बस्‍ती झुग्‍गी मामला : तेज हुई राजनितिक बयानबाजी
Share:

नई दिल्ली : पश्चिमी दिल्ली के शकूर बस्ती क्षेत्र में रेलवे द्वारा झुग्गी बस्ती ढहाने के अभियान में बच्ची की मौत हो गई। अब इस मौत की जांच पुलिस दल द्वारा की जा रही है। कहा गया है कि यह मौत लापरवाही से हुई। पुलिस ने संबंधितों के खिलाफ मौत का मामला दर्ज किया। इस तरह के मामले में राजनीतिक आरोप और प्रत्यारोप तेज़ हो गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यह भी कहा गया कि पुनर्वास के बिना इनकी झुग्गियों को हटाए जाने की अनुमति नहीं दी जाना चाहिए।

तोड़फोड़ और विवाद के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा झुग्गियां ढहाने पर रेलवे मंत्रालय और पुलिस की खिंचाई की गई, अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि ठंड के मौसम में जल्द से जल्द इन लोगों के पुनर्वास के इंतजाम किए जाऐं। केंद्र सरकार और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विरूद्ध आम आदमी पार्टी द्वारा मोर्चा खोलेे जाने के बीच केजरीवाल द्वारा रेल मंत्री सुरेश प्रभु की एक बैठक आयोजित की गई यह बैठक लगभग आधे घंटे तक आयोजित की गई।

इस दौरान रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर प्रभावितों से चर्चा की। इस दौरान आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे प्रभाविततों की पीड़ा को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। इस बच्ची की मौत के बाद आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई कि उसकी मौत छाती और सिर पर लगे आघातों व चोटों के चलते हुई। पीएम में पसलियों और सिर में फ्रैक्चर होने का उल्लेख भी किया गया।

उल्लेखनीय है कि पीएम रिपोर्ट में बच्ची की मौत आधे घंटे पहले ही दर्शा दी गई थी। इस दौरान इसका संकेत भी मिलने लगा। प्रशासन द्वारा यह दर्शाया गया कि इस बच्ची की मृत्यु करीब 30 घंटे पूर्व हुई थी। माना गया कि इस बच्ची की मौत लगभग 9.30 बजे हुई। मगर रेलवे द्वारा कहा गया कि बच्ची की मौत शकूरबस्ती में ट्रेन की पटरियों के पास अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रारंभ करने से करीब 2 घंटे पूर्व ही हो चुकी थी।

बच्ची के माता-पिता ने उसकी मौत की स्थिति के लिए अधिकारियों को जवाबदार बना दिया। इस मामले में बच्ची के पिता मोहम्मद अनवर द्वारा कहा गया कि अधिकारियों द्वारा सामान बांधने हेतु कुछ समय और दिया गया होता तो बच्ची रूकैया की जान नहीं गई होती। अनवर द्वारा कहा गया कि इस मामले में वे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा सकते हैं।

उनका कहना था कि अतिक्रमण हटाने वाली गैंग अचानक पहुंची। बच्ची की मौत की जांच करने वाली पुलिस द्वारा यह भी कहा गया कि उसके पिता मोहम्मद अनवर के बयान लेने पहुंची। बयान के आधार पर पंजाबी बाग पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के विरूद्ध लापरवाही से मृत्यु का मसला दर्ज करवा दिया गया है। 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -