![भाजपा के होने के बाद भी मानते हैं सरदार पटेल को](https://media.newstracklive.com/uploads/taja-khabar/india/Nov/01/big_thumb/narendra-modi_58185addadb8e.jpeg)
नईदिल्ली। भारत के प्रथम गृहमंत्री और लौहपुरूष कहलाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विचार रखे। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार पटेल के 141 वें जन्मदिन पर उनके जन्मदिवस पर आयोजित डिजिटल प्रदर्शनी का शुभारंभ करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने डिजिटलाईज़ड प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया न ही उनके परिवार ने सरदार पटेल का काॅपीराईट लिया।
इस तरह से जो विभूतियां योगदान देती हैं उसे भावी पीढ़ी के सामने रखा जाना जरूरी है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि हमें एकता के मूल मंत्र पर ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भी हम एकता की बात करेंगे तो संदेश साफ होगा कि वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं मगर सरदार पटेल कांग्रेस से जुड़े हुए थे लेकिन इसके बाद भी उनकी जयंती मनाई जाती है और उसके लिए हम कार्य करते हैं।
प्रधानमंत्री का कहना था कि महान व्यक्तियों की उपलब्धियों और उनके कार्यों का उपयोग दरार डालने के लिए नहीं होना चाहिए। बल्कि सभी को जोड़ते हुए उन कार्यों से प्रेरणा लेना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल को एक बड़ा चिंतक बताया और कहा कि उन्होंने अहमदाबाद नगर निकाय के प्रमुख तौर पर महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव पेश किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तक कहा कि अधिकांश राज्य स्वाधीनता के बाद पं. नेहरू के स्थान पर सदार पटेल को देश का प्रमुख बनाने की इच्छा रखते थे।
उन्होंने कहा कि देश में एकता का होना जरूरी है। उन्होंने एक भारत, श्रेष्ठ भारत योजना की बात कही। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत दो राज्यों के बीच 6 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए। इस माध्यम से इन राज्यों की विविधताओं के साथ ही इनमें रहने वाले लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता का भाव जगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में बच्चों को स्पैनिश, फ्रेंच के स्थान पर भारतीय भाषाऐं बोलने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।