इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी से पलायन कर गए हजारों कश्मीरी पंडितों को फिर से वाही बसेरा बनाकर देने की योजना का जमकर विरोध किया है। पाकिस्तान ने इस मामले में कश्मीरी पंडितों की घरवापसी का विरोध कर रहे अलगाववादियों के सुर में सुर मिलाया है। इस्लामाबाद ने कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित पुनर्वास योजना को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तस्नीम असलम ने गुरुवार को कहा कि भारत कश्मीर घाटी में बाहरी लोगों को बसाकर आबादी में बदलाव नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, "क्षेत्र की जनसंख्या में बदलाव करने के लिए किसी भी टाउनशिप या विशेष जोन स्थापित करने का प्रयास संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन होगा।"
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू कराने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। जबकि भारत कहता है कि कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र की कोई भूमिका नहीं है। अप्रैल के शुरू में भारत सरकार ने कहा था कि घाटी में तीन नए टाउनशिप में हजारों कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजना है। असलम ने कहा, "यह अस्वीकार्य है। हम देख चुके हैं कि इसका जम्मू और कश्मीर के लोगों ने किस तरह विरोध किया।"
गौरतलब है कि 1989 में घाटी में भड़के पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के चलते दो से तीन लाख कश्मीरी पंडितों ने पलायन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी घर वापसी का संकल्प लिया है। जबकि कश्मीरी अलगाववादियों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि अधिकृत क्षेत्र में बस्तियों की स्थापना इजरायली शैली की नीति है।
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