कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फतवा जारी करने और अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में आए मौलाना बरकती के खिलाफ खड़े हुए कई इस्लामिक संगठनों ने गुरुवार को फतवा जारी कर दिया.खबर है कि नमाज पढ़ाने के लिए पहुंचे मौलाना नुरूर रहमान बरकती के साथ मारपीट भी की गई.
गौरतलब है कि मौलाना नुरूर रहमान बरकती के विवादास्पद बयानों और देश विरोधी गतिविधियों को देखते हुए पश्चिम बंगाल के उलेमा काउंसिल ने बरकती के खिलाफ फतवा जारी कर कहा कि बरकती के नमाज पढ़ाने का मुस्लिम बहिष्कार करें.इस संगठन में राज्य के मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी के संगठन जमायते-उलेमा-हिंद सहित कई अन्य मुस्लिम संगठन भी शामिल है.संगठन के सचिव शेख मोहम्मद असलम ने बताया कि गुरुवार को इस फतवे का पालन मस्जिद के बाहर दुकानदारों के संगठन शॉपकीपर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने किया. 4.30 बजे का जब नमाज पढ़ाने बरकती पहुंचे तो संगठन के लोगों ने उन्हें रोका, लेकिन नहीं मानने पर संगठन ने नमाजियों को बुलाकर मुतवल्ली द्वारा नियुक्त किए गए इमाम मोहम्मद हारुन रसीद नमाज पढ़वाई.
खबर है कि गुरुवार को मस्जिद में नमाज पढ़ाने के लिए पहुंचे मौलाना नुरूर रहमान बरकती के साथ मारपीट भी की गई. कहा जा रहा है कि मस्जिद के इमाम पद से हटाए जाने के बावजूद नमाज पढ़ाने को आमादा बरकती जबर्दस्ती अंदर जाने का प्रयास किया तो, वहीं हाथापाई हो गई. उनके सिर में चोट लगी है. हालांकि बरकती ने आरोप लगाया कि आरएसएस के लोगों ने उन पर हमला करवाया है. जबकि बरकती से मारपीट के आरोपों को संघ ने हास्यास्पद बताते हुए प्रदेश प्रभारी जिसनु बसु ने कहा कि देशद्रोही सबसे अधिक संघ से ही डरते हैं.
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