नई दिल्ली : दहेज प्रताड़ना के झूठे आरोपों का सामना कर रहे लोगों को अब केंद्र सरकार के फैसले से राहत मिलने की उम्मीद है। यदि इस तरह का बदलाव होता है तो दहेज प्रताड़ना के मामलों में आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी। मगर महिलाओं को जो कानूनी संरक्षण दिया जा रहा है वह वैसा ही रहेगा। मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में केंद्र सरकार ने दहेज प्रताड़ना के बढ़ती झूठी शिकायतों से लोगों को निजात दिलवाने का निर्णय लिया है।
जिसमें सरकार दहेज कानून से जुड़ी धारा 498 (ए) में बदलाव की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। जिसमें इस अपराध को न्यायालय की अनुमति के साथ कंपाउंडेबल बनाया जा सकता है। इसका लाभ यही होगा कि दहेज उत्पीड़न के मामले में वाद दायर होने के बाद हाल ही में गिरफ्तारी नहीं होगी। लाॅ कमीशन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट को लेकर सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया है। इस तरह की प्रक्रिया की औपचारिकताऐं शुरू कर दी गई हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि यदि महिला का वास्तविकता में उत्पीड़न होता है तो वे महिला को संरक्षण जरूर देंगे। उल्लेखनीय है कि गृहराज्यमंत्री किरण रिजिजू ने इस बात पर जोर दिया था कि बीते वर्षों में दहेज प्रताड़ना के 10 प्रतिशत मामले झूठे निकले थे। उन्होंने मलिमथ समिति को कोड करते हुए अपनी बात सामने रखी। उन्होंने कहा कि मामले में एक प्रस्ताव कानून मंत्रालय की ओर भेजा गया है। यदि वहां से स्वीकृति मिल गई तो जरूर बदलाव किए जाऐंगे।