इंदौर। धार जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में एक दिल दहला देने वाली घटना के अंतर्गत जेतपुरा निवासी टीना और उसका पति गोविंद ने अपने नवजात बच्चे को जो की 20 जुलाई को धार के एक निजी अस्पताल में जन्मा था व जन्म के बाद से ही बच्चा काफी कमजोर था व इसे लेकर टीना व गोविंद ने बच्चे को धार जिला अस्पताल में एसएनसीयू में रेफर कर दिया. व उस दौरान बच्चे को छोड़कर गायब हो गए. इस दौरान बच्चा अस्पताल में ही रहा व नर्स व केयर टेकर बच्चे की देखरेख में लगी हुई थी. 28 अगस्त की रात इस नवजात के चेहरे पर कई जगह चूहे के कुतर जाने के निशान दिखाई दिए, खासकर नाक पर गहरा जख्म था। इस पर घबराए स्टाफ ने बिना किसी को बताए उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया था। इसकी जानकारी सुबह एनआरसी प्रभारी और सिविल सर्जन को लग गई थी, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
व इस बात की शिकायत अस्पताल के ही किसी कर्मचारी ने बुधवार रात कलेक्टर जयश्री कियावत को दी. कलेक्टर ने तुरंत ही कार्यवाही करते हुए अस्पताल के सीएमएचअो डॉ. आरसी पनिका, सिविल सर्जन सीएस गंगराड़े समेत अन्य अधिकारियो को तलब किया व इन अधिकारियो ने उस रात बच्चे की देखरेख कर रही स्टाफ नर्स सोनाली भिड़े को सस्पेंड व केयर टेकर आशा राठौड़ को बर्खास्त कर दिया. इस दौरान यह घटनाक्रम डॉक्टरों ने एक हफ्ते तक दबाए रखा था. व इस दौरान बच्चे को आईसीयू में भर्ती कर दिया था.