हैदराबाद : नोटबन्दी की समय सीमा 30 दिसंबर को खत्म होने के बाद अब धीरे -धीरे इसके अन्य प्रभाव सामने आने लगे हैं, कल केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अगले वित्त वर्ष में जीडीपी कम रहने का अनुमान लगाया और अब यह बात सामने आई है कि नोटबन्दी की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम स्कीम माइक्रो यूनिट्स डिवेलपमेंट ऐंड रिफाइनैंस एजेंसी (MUDRA) भी प्रभावित हुई है.मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इस योजना के तहत कर्ज वितरण पर असर पड़ा है.
इस बारे में एसोचैम के ऑनलाइन पोर्टल माईलोनएसोचैम डॉट कॉम के उद्घाटन के मौके पर मुद्रा के सीईओ जिजी मम्मेन ने कहा कि एक अप्रैल से 31 दिसंबर 2016 के बीच हमने 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज वितरित किया है. हालांकि, पिछले दो महीनों में नोटबंदी के चलते कर्ज वितरण प्रभावित हुआ है. अगर यह (नोटबंदी) नहीं हुआ होता तो हम इससे कहीं अधिक कर्ज का वितरण कर पाते.हालांकि उन्होंने चालू वित्त वर्ष के दौरान 1.8 लाख करोड़ रुपये के वितरण लक्ष्य को हासिल कर लेने के प्रति सकारात्मक जवाब दिया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'मुद्रा' योजना मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है.यह उन सभी बैंकों को पुनर्वित्त सुविधा उपलब्ध कराती है जो लघु उद्यमियों को कर्ज देते हैं.इस योजना में तीन श्रेणियों शिशु , किशोर और तरुण में क्रमशः 50,000 ,50,000 रुपये से पांच लाख और पांच लाख से दस लाख रुपये तक कर्ज दिया जाता है.