Sep 29 2016 05:51 PM
वाशिंगटन - एक ओर तो पाकिस्तान भारत से सालों तक युद्ध लड़ने की बात करता है, जबकि वह खुद ही नकदी संकट से जूझ रहा है. यदि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष 10.21 करोड़ डॉलर का सहारा नहीं देता तो उसकी हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है.
बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार और उसके पुनर्गठन के लिए आईएमएफ की तरफ से दी जा रही वित्तीय सहायता की यह आखिरी किस्त है. इसके पहले आईएमएफ ने सितंबर, 2013 में पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने के लिए 6.15 अरब डॉलर का पैकेज मंजूर किया था.
इस बारे में आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड की कार्यवाहक चेयर और उप-प्रबंध निदेशक मितसुहिरो फुरसावा ने कहा, इस पैकेज के पूरा होने के बाद भी पाकिस्तान के लिए उल्लेखनीय चुनौतियां बनीं रहेंगी. पाकिस्तान को दिए जाने वाले इस कोष से देश की वृहद आर्थिक स्थायित्व को बेहतर बनाने और उसकी संवेदनशीलता को कम करने में मदद मिलेगी.
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