'चोरों को बचाने तो सुप्रीम कोर्ट जाती है ममता सरकार, अब क्यों नहीं..', कांग्रेस ने TMC पर किया तीखा प्रहार
'चोरों को बचाने तो सुप्रीम कोर्ट जाती है ममता सरकार, अब क्यों नहीं..', कांग्रेस ने TMC पर किया तीखा प्रहार
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक बार एक बार फिर राज्य की सीएम ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया है। दरअसल, इस वक़्त ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रही है, TMC की मांग है कि ED-CBI, NIA सहित जांच एजेंसियों के प्रमुखों को बदल दिया जाए। दरअसल, शिक्षक भर्ती घोटाला, नगर निगम भर्ती घोटाला, राशन घोटाला, गौतस्करी और भी अन्य मामलों में ये एजेंसियां बंगाल में कार्रवाई कर रहीं हैं और कई TMC नेता अरेस्ट हो चुके हैं, यहाँ तक कि ममता सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी 250 करोड़ कैश के साथ पकडे गए हैं। लेकिन TMC का कहना है कि केंद्र सरकार एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है, यही कारण है की बंगाल में जाँच एजेंसियों पर हमले हो रहे हैं। अब TMC दिल्ली में प्रदर्शन कर रही है। 

इसको लेकर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'हमें TMC के प्रदर्शन से क्या लेना देना है ? बंगाल में भी तो कोई नबन्ना (राज्य सचिवालय) नहीं जा सकता। बंगाल के सचिवालय में कोई नहीं जा सकता, तो इसी तरह दिल्ली में भी होता है। यदि आपको कोई समस्या है तो सर्वोच्च न्यायालय क्यों नहीं चले जाते। चोरों को बचाने के लिए तो शीर्ष अदालत चले जाते हो, मगर अपनी फरियाद सुनाने के लिए अदालत नहीं जा सकते ?' शायद अधीर रंजन संदेशखाली मामले में TMC नेता शाहजहां शेख का सन्दर्भ दे रहे थे। दरअसल, संदेशखाली की कई महिलाओं ने TMC नेता शाहजहां शेख पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया था। महिलाओं का कहना था कि TMC के गुंडे लड़कियों को घरों से उठा ले जाते हैं, वो भी पुलिस के सामने और TMC ऑफिस में ले जाकर उनका रातभर रेप करते हैं। पुलिस भी नहीं सुनती। इसी बीच शेख शाहजहां के समर्थकों ने राशन घोटाले की जाँच करने गई ED की टीम और CRPF पर हमला कर दिया था। फिर जब कोलकाता हाई कोर्ट ने आदेश दिया, तब जाकर हमले के 50 दिन बाद शेख शाहजहां को बंगाल पुलिस ने अरेस्ट किया था। लेकिन अदालत ने शाहजहां को CBI के हवाले करने को कहा था, जिसके लिए ममता सरकार राजी नहीं थी। TMC नेता शेख शाहजहां को अपने पास रखने के लिए ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट तक चली गई थी, लेकिन उनकी याचिका ख़ारिज हो गई। संभवतः अधीर रंजन का इशारा इसी तरफ था की ममता सरकार चोरों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट चली जाती है। 

कांग्रेस नेता चौधरी ने आगे कहा, हमारी दीदी (ममता) बड़ी चालाकी से सेब का संतरे जैसा उपयोग कर रही हैं। संतरा और सेब में जो अंतर बनता है, उसे दीदी आम लोगों की आंख में धूल झोंककर गुमराह करने की कोशिश करती हैं।' सीएम ममता को आड़े हाथों लेते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, 'बंगाल में काफी घोटाला होता है। बंगाल का जो मुद्दा है, जो घोटाले राज्य में सामने आए हैं, वो अदालत की बदौलत लोगों के सामने उजागर हुए हैं। ममता बनर्जी को अपनी तुलना केजरीवाल और हेमंत सोरेन से नहीं करनी चाहिए। ममता बनर्जी और उनके खोखा बाबू भतीजे (अभिषेक बनर्जी) के खिलाफ क्या हुआ, ये बात सब जानते हैं। दीदी बेहद चालाकी करती हैं। पश्चिम बंगाल में बहुत से घोटाले हुए हैं और उनकी जांच अदालत की निगरानी में हो रही है।'' 

केंद्रीय बलों की बंगाल में तैनाती को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि, 'बंगाल में प्रत्येक बूथ पर केंद्रीय बलों की तैनाती आवश्यक है। ये गुहार हम शुरू से लगाते रहे हैं। दो महीने पहले मैं खुद निर्वाचन आयोग गया था और उन्हें विस्तार से सबकुछ बताया था। बंगाल का जो प्रशासन है, वो सारा TMC की बात पर चलता है। इसलिए विपक्ष में होने के नाते हमें ना यहां की सरकार पर विश्वास हैं, ना प्रशासन पर यकीन है और बंगाल पुलिस पर भी विश्वास नहीं है। यदि इनकी चुनाव में भागीदारी रही तो वो चुनाव को तबाह करने की हरसंभव कोशिश करेंगे। इसलिए हर बूथ पर केंद्रीय बलों की तैनाती, सीसीटीवी लगने चाहिए।'

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