चेन्नई : मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से 3 वर्षीय कानून की डिग्री खत्म करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि इसके स्थान पर केवल 5 साल वाले पाठ्यक्रम को ही संचालित किया जाए. इसी के साथ हाई कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार से आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को वकालत के पेशे से दूर रखने के लिए कानून बनाने को कहा है.
हाई कोर्ट जज जस्टिस एन किरुबाकरन ने एसएम अनंत मुरुगन द्वारा दायर एक याचिका पर कहा कि BCI को लंबित मामलों और अपराधी कानून स्नातकों का नामांकन नहीं करना चाहिए. मुरुगन ने अपनी याचिका में बिना कानून की स्नातक डिग्री लिए हुए अपराधों में लिप्त लोगों को वकालत के पेशे में आने से रोक लगाने की मांग की है.
अपने आदेश में जस्टिस एन किरुबाकरन ने केंद्र सरकार और BCI को 14 निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि BCI को सभी राज्य बार काउंसिल को निर्देश देना चाहिए कि वह अपराधिक मामलों वाले स्नातकों का नामांकन न करें. हालांकि आदेश में ऐसे स्नातकों को छूट देने की बात कही गई है जिनका अपराध जमानती है.