काठमांडू : नेपाल में आए भूकंप के बाद हर कहीं मलबे का ढेर लगा हुआ है। राहत और बचाव कार्य में लगे दल और सुरक्षा जवान मलबों के बीच से जिंदगी की तलाश कर रहे हैं। नेपाल में भूकंप से मची तबाही के दौरान मलबे से लाशों का ढेर निकलने के बाद इनके परिजनों के आंसू छलक पड़ते हैं तो राहत और बचाव दल मायूस हो उठते हैं। मगर मलबे के बीच से इंसानी सांसों के चलने की जानकारी मिलते ही राहत दल के हाथ तेज हो जाते हैं और वे तेजी से लोगों को बाहर निकालने में जुट जाते हैं।
हाल ही में राहत दल ने मलबे से एक 4 महीने के बच्चे को जिंदा निकाल लिया। बच्चे के जीवित बाहर निकलते ही हर कोई ईश्वर को धन्यवाद देने लगा। इस दौरान लोग कह उठे जाको राखे साईयां मार सके ना कोय। काठमांडू से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित भक्तपुर में कुदरत का यह करिश्मा सामने आया है। भक्तपुर वह क्षेत्र है जहां काॅलोनियों के अधिकांश मकान जमींदोज हो चुके हैं और अब वहां मलबा ही मलबा बिखरा पड़ा है।
सेना द्वारा इस बच्चे को बाहर निकालने के बाद इसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां उसकी हालत बेहतर बताई जा रही है। और भी हैं जीवन की कहानियां नेपाल में आए भूकंप से बड़ी संख्या में लोग भवनों के मलबे में दब गए। इन लोगों में अभी भी कुछ लोग जीवित हैं, राहत एवं बचाव दल द्वारा मलबे को हटाकर इन्हें सुरक्षित निकाला जा रहा है।
इन खुशकिस्मतों में 54 वर्ष की एक महिला भी जिंदा बाहर निकाली गई है। यही नहीं करीब 84 घंटे बाद एक युवक ऋषि को भी बचाव दल ने बाहर निकाल लिया। इन 84 घंटों के दौरान ऋषि भूख और प्यास को सहन कर मलबे के बीच पड़ा रहा। ऋषि के ही सामने तीन लोगों की लाश भी पड़ी थी। बावजूद इसके ऋषि ने हिम्मत नहीं छोड़ी और बचाव दल ने उसे बाहर निकाल लिया। ऋषि 7 मंजिला इमारत में फंस गया था। इमारत तो गिर गई थी लेकिन उपरी भाग सलामत रहा।
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