Sep 12 2015 12:10 PM
नई दिल्ली : देशभर में स्वास्थ्य जागरूकता के कई कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं, मगर अभिभाषकों के स्वास्थ्य की ओर कोई ध्यान नहीं देता है। ऐसे में अब सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश के माध्यम से इस ओर ध्यान दिया है। मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने कहा कि वकीलों के लिए मेंटल और फिजिकल टेस्ट होना चाहिए। जिससे यह जानकारी मिल सकेगी कि वे क्रिमिनल केस लड़ने के काबिल हैं या नहीं।
दरअसल न्यायाधीशों ने एडवोकेट एक्ट और अन्य नियमों के संशोधन की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए कहा कि वकीलों को फिटनेस प्रमाण पत्र दिए जाने का नियम भी लागू किया जाए। इस मामले में जस्टिस जेएस केहर और आदर्श के गोयल ने कहा कि इन नियमों में बदलाव जरूरी है।
न्यायालय ने उबर रेप मामले के आरोपी की पिटीशन को लेकर कहा कि आरोपी का वकील कमाजोर था वह अयोग्य है इसलिए गवाहों को फिर से बुलाया जाए। न्यायाधीशों ने कहा कि बढ़ती उम्र, शारीरीक कमजोरी और अन्य कारणों से वकील मुकदमा ठीक से न लड़ पाते हों जिसके कारण वकीलों की फिटनेस जांच और उनके द्वारा प्रमाणपत्र देने की मांग रखी गई।
हिंदी न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml
इंग्लिश न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml
फोटो - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml
© 2024 News Track Live - ALL RIGHTS RESERVED