हस्तरेखा विज्ञान के द्वारा व्यक्ति के कॅरियर के बारे में भी अध्ययन कर यह पता लगाया जा सकता है कि वह भविष्य में किस क्षेत्र में जा सकता है.
1-इंजीनियरिंग का मूल कारक ग्रह शनि होता है. जिस व्यक्ति के हाथ में शनि पर्वत उभरा हुआ हो तथा इस पर्वत पर अनेक खड़ी रेखाएं हों साथ ही भाग्य रेखा शनि पर्वत पर समाप्त हो वह इंजीनियर बन सकता है.
2-जिस हथेली में बुध पर्वत स्पष्ट उभरा हो और इस पर्वत पर तीन या चार रेखाएं खड़ी हों, कनिष्ठिका अंगुली अनामिका के तृतीय पर्व को स्पर्श करे तो व्यक्ति चिकित्सा के क्षेत्र में जाता है. यदि मंगल पर्वत भी उभरा हुआ हो तो सफल सर्जन की संभावना बनती है. सूर्य रेखा स्पष्ट हो तो चिकित्सक बनकर सफलता व प्रसिद्धि का योग भी होता है.
3-जिसकी हथेली में कनिष्ठिका, अनामिका अंगुली का तीसरा पोर स्पर्श करे या उससे ऊपर निकल जाए, सूर्य पर्वत स्पष्ट उभार लिए हो, साथ ही सूर्य रेखा गहरी, सूर्य पर्वत पर त्रिभुज, चतुर्भज, नक्षत्र का चिह्न हो तो व्यक्ति आईएएस बन सकता है. जिन हाथों में कनिष्ठिका, अनामिका के तृतीय पर्व को स्पर्श करे, मंगल पर्वत या जीवन रेखा से निकली कोई रेखा सूर्य पर्वत को स्पर्श करे तो उच्च अधिकारी बन सकता है.
4-जिस व्यक्ति के हाथ की सभी अंगुलियां कोमल और ढलवा हों, अनामिका अंगुली अधिक लम्बी न हो, सूर्य तथा शुक्र पर्वत उभरे हों, सूर्य और भाग्य रेखा निर्दोष हो तो ऎसा व्यक्ति सफल अभिनेता बनता है.