छतरपुर: गंगोत्री से मध्य प्रदेश के छतरपुर पैदल कलशयात्रा करके पहुंची शिवरंजनी तिवारी ने बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी करने के संकल्प पर बड़ी बात कही है। शिवरंजनी ने कहा- ''मैंने कभी नहीं कहा कि मेरा शादी का संकल्प है, ना मेरा पर्चा खुला और ना मेरे संकल्प के बारे में पता चला।''
आगे उन्होंने कहा कि मेरा जो संकल्प था वह यह था ''मैं पूज्य बालाजी की दर्शन करूं तथा मैं जब 11वीं में थी तब बायो (Biology) सब्जेक्ट लिया था। मैं कैंसर की डॉक्टर बनना चाहती हूं, हे बालाजी मुझे इस फील्ड में सक्सेन दे देना।'' आगे शिवरंजनी ने कहा कि मेरी बस यही कामना थी। शादी की तो मेरी कोई कामना थी ही नहीं, लोगों बेवजह शादी के विषय से मेरी यात्रा को जोड़ दिया। इसके साथ ही शिवरंजनी ने भगवा वस्त्र पर उठ रहे सवाल पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि जो (डॉक्टर शैलेंद्र योगीराज) उन्होंंने मुझ पर इल्जाम लगाया है कि यह भगवा वस्त्र सिर्फ साधु-संतों की निशानी है तथा यह प्यार की परिभाषा है। तो ऐसा कहीं लिखा हुआ है कि जो यह हमारे प्रभु श्रीराम का रंग है इसे सिर्फ साधु-संत ही पहन सकते हैं तथा कोई कन्या नहीं पहन सकती। भगवा रंग मेरी पसंद है, प्रभु श्री राम की पसंद है। तो भला उनको (डॉक्टर शैलेंद्र योगीराज) क्या आपत्ति हो सकती है।
दरअसल, बृहस्पतिवार को बद्रीनाथ से आए शंकराचार्य ज्योतिष पीठ के मीडिया प्रभारी डॉक्टर शैलेंद्र योगीराज सरकार ने उनके भगवा वस्त्र पहनने पर सवाल खड़ा किया था। डॉक्टर शैलेंद्र योगीराज ने कहा कि भगवा वस्त्र त्याग का प्रतीक है। भगवा वस्त्र पहनकर प्राणनाथ को प्राप्त करने यानी विवाह का संकल्प लेकर चलना हिन्दू धर्म की हानि है। वो (शिवरंजनी) हिन्दू धर्म को क्षति पहुंचा रही हैं तथा बोलती हैं कि हिन्दू धर्म का झंडा लिए हुए हैं।
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