नई दिल्ली : किरीट सोमैया ने अब गुडगाँव के मेट्रोपोलिटन माल में दो दुकानों को लेकर राहुल गांधी को निशाने पर लिया है. किरीट सोमैया ने राहुल गांधी पर आरोप लगते हुए कहा कि इन्होने 2006 में दो प्रापर्टी खरीदने के लिए 70 लाख का लोन दिखाया. 7 दिसम्बर 2007 को आप प्रापर्टी का कब्जा लेना दिखाते हो. एक सप्ताह बाद राहुल द्वारा एक किराया अनुबंध पेश किया जाता है, उसी नामी-बेनामी एमजीएफ के साथ में, और उसको सालाना 60-70 लाख के किराए पर वापस दे दिया जाता है.
दोनों दुकानों की कीमत डेढ़ करोड़ और साल का किराया 70 लाख वापस वही एमजीएफ को, फिर दो साल बाद वही एमजीएफ एजेंट 5-7 करोड़ के भाव उन दुकानों को खरीद लेता है. क्या साले-बहनोई में कोई रेस चल रही है? इन आरोपों के जवाब में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दोनों दुकानों की जानकारी शपथ पत्र में दी गई है. इस तरह के आरोपों का जवाब संसद में देंगे.
आज लोक सभा में यह मामला किरीट सोमैया ने उठाटे हुए पूछा कि राहुल गांधी ने अपनी दुकानें इतनी महंगी कैसे बेच दी. सवाल करते हुए सोमैया ने कहा कि पहले हमने सुना है कि पहले इस तरह के धंधे हरियाणा में जीजाजी करते थे, अब साले भी करने लगे. साले साहब को बचाने का मामला सामने आना चाहिए.