आज कार्तिक पूर्णिमा पर जरूर करे ये 5 कारगर उपाय, कभी नहीं होगी पैसों की किल्लत
आज कार्तिक पूर्णिमा पर जरूर करे ये 5 कारगर उपाय, कभी नहीं होगी पैसों की किल्लत
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इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन गंगा सहित पवित्र नदियों में नहाने की प्रथा है। कहा जाता है कि इस दिन कुछ खास उपाय करने से देवी लक्ष्मी खुश होती हैं तथा घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान भी किया जाता है। जिसमें सम्मिलित होने के लिए लाखों भक्त गंगा घाटों पर उमड़ते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का खात्मा किया था। तभी से इस दिन को त्रिपुरारी नाम से जाना जाता है। आइए अब जानते हैं कि वे 5 उपाय कौन से हैं, जिन्हें अपनाने से मां लक्ष्मी खुश होती हैं।

6 तपस्विनियों का करें पूजन:-
कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा निकलने पर शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति, अनुसुइया तथा क्षमा इन 6 तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन किया जाता है। ये सभी भी स्वामी कार्तिक की माताएं हैं। कहा जाता है कि इनका पूजन करने से घर में धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है।

कार्तिक पूर्णिमा पर अवश्य करें दान:- 
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान की खास अहमियत है। इसलिए हर सनातनी इस दिन जरूरतमंद अथवा किसी देव-देवालय को कुछ न कुछ दान देने का प्रयास अवश्य करता है। परम्परा है कि इस दिन अन्न, वस्त्र व अन्य वस्तुओं का दान करने से घर-परिवार में खुशहाली आती है। 

तुलसी पूजा के बिना व्रत अधूरा:-
इस दिन शालीग्राम एवं तुलसी जी की पूजा की खास अहमियत है। कोई भी व्रत तुलसी पूजा के बिना अधूरा माना जाता है। इस दिन तुलसी के समक्ष दीपक अवश्य जलाना चाहिए, इससे दरिद्रता दूर होती है।

नदी या तालाब के किनारे दीपदान:- 
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान की बहुत अहमियत होती है। परम्परा है कि इस दिन किसी नदी या तालाब में दीपदान करने से सभी प्रकार के संकट ख़त्म होते हैं तथा कर्ज से छुटकारा प्राप्त होता है। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों से बनाया गया तोरण बनाना चाहिए। 

कार्तिक पूर्णिमा पर व्रत करना न भूलें:-  
कार्तिक पूर्णिमा के दिन उपवास भी रखा जाता है। परम्परा है कि ऐसा करने से सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रती दिनभर व्रत करते हैं तथा रात में जागरण करते हैं। इससे सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने की भी प्रथा है।

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