इस साल कालाष्टमी शनिवार, 27 नवंबर 2021 को मनाई जाने वाली है। यह मासिक कालाष्टमी है जो हर महीने आती है। इस दिन व्रत रखा जाता है। आपको बता दें कि यह दिन भगवान शिव के अन्य रूप को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव जी ने पापियों का विनाश करने के लिए रौद्र रूप धारण किया था। वहीं मान्यता के अनुसार इस दिन रात्रि में चंद्रमा को जल चढ़ाने के बाद ही यह व्रत पूरा होना माना जाता हैं।
अब हम आपको बताते हैं पूजन विधि, मंत्र और पूजा के शुभ मुहूर्त।
शुभ मुहूर्त- मार्गशीर्ष, कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ- शनिवार, 27 नवंबर 2021 को प्रात: 05।43 मिनट से होगा तथा रविवार, 28 नवंबर 2021 को प्रात: 06।00 बजे अष्टमी तिथि समाप्त होगी।
पूजा विधि- इस दिन कालभैरव और मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है इस दिन रात में देवी काली की उपासना करने वालों को अर्द्धरात्रि के बाद मां की उसी प्रकार से पूजा करनी चाहिए, जैसे दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि को देवी कालरात्रि की पूजा करते हैं। इस दिन शक्ति अनुसार रात को माता पार्वती और भगवान शिव की कथा सुनकर जागरण का आयोजन करना चाहिए। कहा जाता है इस दिन व्रती को फलाहार ही करना चाहिए। इस दिन कालभैरव की सवारी कुत्ता है तो उसे भोजन करवाना चाहिए। इसी के साथ इस दिन भैरव चालीसा, दुर्गा चालीसा, शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
मंत्र- 'ॐ कालभैरवाय नम:'।
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