नई दिल्ली : मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली एनईईटी की परीक्षा ने सरकार और सुप्रीम कोर्ट को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है। इसी मामले को लेकर स्वास्थय़ मंत्री जे पी नड्डा आज राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात करेंगे।
इस दौरान वो राष्ट्रपति को इस साल राज्य सरकारों के शिक्षा बोर्डों को साझा मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी के दायरे से बाहर रखने के लिए अध्यादेश का सहारा लेने के तर्क से अवगत कराएंगे। स्वास्थय मंत्रालय द्वारा इस मामले में अध्यादेश जारी करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगे जाने पर आज अराह्ण में नड्डा मुखर्जी से मुलाकात करेंगे।
मंगलवार को प्रणव मुखर्जी चीन की यात्रा के लिए रवाना होने वाले है। शुक्रवार को कैबिनेट द्वारा जारी किए गए इस अध्यादेश के मकसद सर्वोच्च न्यायलय द्वारा पारित किए गए उस आदेश को रोकना है, जिसमें सभी निजी और सरकारी कॉलेजों को एक ही परीक्षा लेने को कहा गया था।
राष्ट्रपति ने भी इस अध्यादेश के मामले में विशेषज्ञों की राय मांगी है। विभिन्न राज्य सरकारें राज्य कोटा के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 12 से 15 सीटें निर्धारित करती हैं ताकि किसी एक राज्य के छात्र दूसरे राज्य में सीट हासिल कर सकें। ऐसे कॉलेजों में शेष सीटें डोमिसाइल छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं। अब इस अध्यादेश के लागू हो जाने से डोमिसाइल छात्रों के लिए निर्धारित शेष सीटें एनईईटी के दायरे में आएंगी।