Oct 15 2016 09:35 PM
गोवा : यहां आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये आये चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का विरोध तिब्बत शरणार्थियों ने किया। शरणार्थियों ने न केवल शी के विरोध में नारेबाजी की वहीं यह भी कहा कि चीन ने ही जबरन तिब्बत पर कब्जा कर रखा है।
गौरतलब है कि तिब्बत पर चीन का कब्जा है और तिब्बत के लोग भारत में लंबे समय से शरणार्थी बने हुये है। तिब्बतियों मंे चीन को लेकर गुस्सा है और इसका इजहार करने के लिये ही भारत में तिब्बती शरणार्थियों ने नारेबाजी की। जिनपिंग के भारत आगमन का विरोध करने वाले तिब्बत के लोगों को हटाने के लिये पुलिस को सख्ती करना पड़ी तथा कई लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
शरणार्थियों ने अपने हाथों में तिब्बत को स्वतंत्र करने संबंधी मांग भी लिख रखी थी। जानकारी मिली है कि शुक्रवार के दिन भी दिल्ली के चीनी दूतावास पर तिब्बत के लोगों ने विरोध दर्ज कराया था। प्रदर्शनकारी तिब्बतियों का कहना है कि चीन के जबरन कब्जे से वे अपने देश से दूर हो गये है।
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