नई दिल्ली : देश में सरकारी बैंकों की गिरती हुई हालत को देखते हुए अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इन बैंकों के लिए एक बड़े सुधार की घोषणा की है. और इस सुधार के लिए अरुण जेटली ने एक सात-सूत्रीय कार्यक्रम भी तैयार किया है. इस सात-सूत्रीय कार्यक्रम में खाली पदों पर जल्द नियुक्तियां, बैंक ब्यूरो का गठन, बैंकों की पूंजी, NPA का दबाव कम करना, बैंक्स का अधिकार व जिम्मेदारी बढ़ाना और साथ ही गवर्नेंस सम्बन्धी सुधार भी करना शामिल है. आपको यह भी बता दे कि इस योजना को इन्द्रधनुष नाम दिया गया है, और सरकार के द्वारा इस कदम को 1969 के बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद सबसे बड़ा कदम बताया जा रहा है.
आइये जाने सुधार के बारे में : -
1. सरकारी बैंकों के दबे हुए कर्ज जो दुगुने हो गए है, उनकी हालत को सही किया जाना है.
2. कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर ज्यादा छूट मिलेगी.
3. सरकारी बैंकों की जिम्मेदारियों को लेकर दिशा निर्देश तय किये जायेंगे.
4. 70000 करोड़ के निवेश के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 25000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा.
5. सरकार के द्वारा बैंक ब्यूरो का गठन किया जाना है, जोकि 24 अन्य बैंकों के कामकाज की पूरी निगरानी रखेगा.