भारत को है सिंगापुर से बहुत कुछ सीखना : मोदी
भारत को है सिंगापुर से बहुत कुछ सीखना : मोदी
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सिंगापुर: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर में बसे भरतीयों को सम्मेलन में संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सिंगापुर में निवासरत भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रसिद्धि तो मिल जाती है, मगर सिद्धि तप से ही मिलती है। प्रसिद्धि तो कई ने प्राप्त की है लेकिन पर्यावरण को अपने तप से संवार नहीं पाए हैं। सिंगापुर वह धरती है जिसने अपने बल पर प्रसिद्धि प्राप्त की है। भारत विशाल देश है महान देश है फिर भी सिंगापुर से बहुत कुछ सीखना है। सिंगापुर में सफाई है स्वच्व्छता है। क्या हमारा देश यह काम नहीं कर सकता है। 

सिंगापुर के नागरिकों की भूमिका है या नहीं है। विदेशों में बसे भारतीयों के कारण भरोसा बढ़ा है। दूध में शकर की तरह भारतीय रच बस गए। भारतीयों का मूल मंत्र रहा प्यार का और अपनेपन का। देश जन - जन की त्याग - तपस्या से बनते हैं। जन - जन के प्रयास से राष्ट्र बनते हैं। पीढि़यां खप जाती हैं तब एक राष्ट्र का निर्माण होता है। यदि किसी देश में कुछ मिला है तो उसे छोड़ने का मन कभी नहीं करता है।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में उन लोगों से अपील की गई है जो सब्सिडी के बगैर भी गैस सिलेंडर खरीदने को तैयार होते हैं। ऐसे में बड़े पैमाने पर सब्सिडी छोड़कर गैस सिलेंडर खरीद रहे हैं। यहां 40 लारख परिवारों ने एलपीजी सिलेंडर पर मिलने वाली सबसिडी छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद से जुड़े प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकता है तो इससे बड़ी क्या बात होगी। उन्होंने स्वामी विवेकानंद को भी याद किया। उन्होंने कहा कि भारतीय होने के बाद भी वह सिंगापुर के विकास में योगदान दे रहा है वह सिंगापुरियन है। भारत सिंगापुर से बहुत कुछ सीखना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा है कि हमने रेलवे में 100 फीसदी FDI को मंजूरी दी है.साथ ही कहा कि दुनिया के बाजार में रूपया भी काम आएगा. हिंदुस्तानी जहा भी गए वहाँ की संस्कृति में रच बस गए है, 

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