कश्मीर की मस्जिद में घुसकर भारतीय सेना के जवानों ने लगवाए जय श्री राम के नारे ? महबूबा मुफ़्ती का आरोप
कश्मीर की मस्जिद में घुसकर भारतीय सेना के जवानों ने लगवाए जय श्री राम के नारे ? महबूबा मुफ़्ती का आरोप
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श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में भारतीय सेना के जवानों पर ज़दूरा गांव की मस्जिद में घुसने और लोगों से जबरदस्ती ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाने का इल्जाम लगा है। घटना शनिवार (24 जून) की बताई जा रही है। मामला सामने आने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और PDP सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने मामले में जांच की मांग की है।

 

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 50 RR के जवानों द्वारा पुलवामा की एक मस्जिद में घुसकर मुस्लिमों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए विवश करने की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। ऐसा तब हुआ, जब अमित शाह यहीं पर है और यात्रा आरम्भ होने वाली है, ऐसे में यह केवल उकसावे की कार्रवाई है। वहीं, श्रीनगर में डिफेंस प्रवक्ता ने इस बारे में कहा है कि, 'मैंने मामले की डिटेल्स मांगी हैं।' स्थानीय लोगों का कहना है कि, घटना के बाद सेना के सीनियर अधिकारी और पुलिस अधिकारियों ने गांव का दौरा कर आश्वासन दिया है कि वो मामले की छानबीन करेंगे।

ज़दूरा के रहने वालों ने बताया है कि शनिवार रात 1.30 बजे के थोड़ा बाद सेना की एक पेट्रोल टीम ने लोगों से अपने घरों से बाहर करने को कहा है। गांव के लोगों ने बताया कि उन्हें कहा गया कि नई भर्ती वाले जवानों को यह सिखाया जा रहा है कि रात में लोगों को बाहर किस तरह बुलाया जाए। हालांकि, महबूबा मुफ़्ती के इस ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लोग सवाल कर रहे हैं कि, क्या इसका कोई प्रूफ है कि भारतीय सेना ने ऐसा किया या फिर ये सिर्फ झूठा प्रोपेगेंडा है ? यूज़र्स कह रहे हैं कि, मोबाइल, इंटरनेट के जमाने में किसी ने भी उस घटना का वीडियो क्यों नहीं बनाया? लोगों का कहना है कि, भारतीय सेना जात-धर्म से ऊपर है, वो ऐसे काम नहीं कर सकती, सेना  को बदनाम करने की साजिश है

भारतीय सेना को बदनाम करने की पहले भी हुई थी साजिश :-

बता दें कि, 3 दिन पहले ही सेना को बदनाम करने के लिए कश्मीरी डॉक्टरों द्वारा साजिश रचे जाने का एक हैरतअंगेज़ खुलासा हुआ था. बता दें कि, 30 मई 2009 को कश्मीर के शोपियां में 22 वर्षीय नीलोफर और 17 वर्षीय आसिया नामक दो लड़कियों का का शव एक नदी से बरामद हुआ था। दोनों ननद-भाभी थीं। ये अपने बगीचे से कथित तौर पर लापता हो गई थीं। इसके बाद आरोप लगाया गया था कि भारतीय सेना के सुरक्षाबलों ने इन महिलाओं के साथ साथ रेप किया और बाद में उन्हें मार डाला। नीलोफर और आसिया का पोस्टमार्टम डॉ बिलाल और डॉ निगहट ने ही किया था, जो पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे थे। इन दोनों डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में झूठी बात लिखते हुए कहा था कि इन दोनों लड़कियों की हत्या दुष्कर्म के बाद की गई थी। हालाँकि, सच ये था कि इन दोनों लड़कियों की मौत 29 मई 2009 को नदी में डूबने की वजह से हुई थी। 14 दिसंबर वर्ष 2009 को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में CBI ने जाँच के बाद यह बात कही थी। इसके बाद इन दोनों डॉक्टरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। हालाँकि, दोनों डॉक्टरों की बात को सच मानकर कश्मीर के हज़ारों लोग सेना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। 

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