![भारत ने चीन को साउथ चाइना सी के मुद्दे पर दिया समर्थन](https://media.newstracklive.com/uploads/taja-khabar/world/Apr/18/big_thumb/South-China-Sea-Artificial-Island_5714a0f72b521.jpg)
बीजिंग : एक अंतर्राष्ट्रीय पंचाट ने चीन के साउथ चाइना सी पर दावे को खारिज किया है। इसके बाद से चीन बौखलाया हुआ है और उसने पंचाट के फैसले को मानने से भी इंकार कर दिया है। इसी बौखलाहट में अब चीन ने कहा है कि साउथ चाइना सी के मुद्दे पर भारत ने उसका समर्थन किया है। चीन के सरकारी अखबार उन देशों के साथ-साथ भारत का भी नाम समेट लिया है, जिसने चीन का इस मसले पर समर्थन किया है।
चाइना डेली ने अपने वेबसाइट पर एक विश्व मानचित्र दिखाया है। इसमें सभी देशों के साथ भारत को भी दर्शाया गया है। मानचित्र को दर्शाते हुए लिखा गया है कि 70 से अधिक देशों ने इस मसले पर चीन को समर्थन दिया है। इन देशों ने सार्वजनिक रुप से चीन को समर्थन देते हुए इस मुद्दे का हल बातचीत से किए जाने का पक्ष लिया है।
इसके अलावा कुछ देशों ने जिसमें अमेरिका भी शामिल है ने फिलिपींस का समर्थन किया है। पंचाट का फैसला आने के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली में भारत के विदेश मंत्रालय ने एससीएस मुद्दे से जुड़े सभी पक्षों को समुद्री विवाद शांतिपूर्ण तरीके से बिना बल प्रयोग के हल करने को कहा। इसके साथ ही भारत ने हेग स्थित न्यायालय के फैसले का अधिकतम सम्मान करने को भी कहा।
हेग न्यायलय के फैसले को चीन ने कचरे में फेंकने लायक बताते हुए इस क्षेत्र पर हवाई सुरक्षा क्षेत्र बनाने का अधिकार जताया। इससे वह अन्य देश के विमानों को सागर के उपर उड़ने से रोक सकेगा। चीन के रक्षा मंत्री जनरल चांग वैंकुआन ने स्पष्ट रुप से कहा कि उनका देश न्यायलय के आदेश के अनुसार कोई काम नहीं करेगा।
अमेरिका ने कहा है कि न्यायाधिकरण का फैसला अंतिम और बाध्यकारी है। इसको माना जाना चाहिए। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने कहा है कि इस मामले में सभी संबद्ध पक्षों को उकसाने वाली गतिविधियों से बचना चाहिए। जबकि अमेरिका में चीन के राजदूत क्यूई तियंकाई ने कहा है कि आदेश से इलाके में तनाव में इजाफा होगा और टकराव का खतरा बढ़ेगा।