प्रेस की स्वतंत्रता में भारत का स्तर नीचे खिसका
प्रेस की स्वतंत्रता में भारत का स्तर नीचे खिसका
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नई दिल्ली : देश में प्रेस की आजादी की दुहाई देने वालों को यह जानकर दुःख होगा कि प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भारत का स्तर दो पायदान नीचे गिर कर 138 वे स्थान पर आ गया है.रैंकिंग जारी करने वाली एक संस्था की वार्षिक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है .स्तर गिरने का कारण पत्रकारों के खिलाफ होने वाली हिंसा और अपराध है.

 आपको बता दें कि रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) की इस रिपोर्ट में भारत की इस गिरती रैंकिंग के लिए पत्रकारों के साथ हो रही घटनाओं को एक बड़ा कारण माना है जिसे नरेंद्र मोदी की सरकार से जोड़ते हुए कहा है कि हिन्दू चरमपंथी पत्रकारों से बहुत हिंसक तरीके से पेश आ रहे हैं.खोजी पत्रकार की ऐसी खबर जो सरकार या फिर हिंदुत्व विरोधी होती है तो लेखक या रिपोर्टर को ऑनलाइन अपमानित कर उनको जान से मारने जैसी धमकियां दी जाती है.आरएसएफ ने इसके लिए पत्रकार और कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या की मिसाल दी, जिन्हें उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी. ऐसे तीन पत्रकारों को मौत के घाट उतारने के मामले सामने आए हैं . ऐसे मामले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा हुए हैं .

गौरतलब है कि विश्व के सबसे स्वतंत्र मीडिया के तौर पर लगातार दूसरे साल नॉर्वे शीर्ष पर है .उत्तर कोरिया में प्रेस की आवाज को सबसे ज्यादा दबाया जाता है.लेकिन इरिट्रिया, तुर्कमेनिस्तान, सीरिया और फिर चीन इस सूची में उत्तर कोरिया से ऊपर बताए गए हैं .

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