भारत और विश्व के प्रसिद्ध पर्यावरणविद को ज़रा आप भी जानें
भारत और विश्व के प्रसिद्ध पर्यावरणविद को ज़रा आप भी जानें
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एक पर्यावरणविद् बड़े पैमाने पर पर्यावरण आंदोलन, एक राजनीतिक और नैतिक आंदोलन" के रूप में सुधार और पर्यावरण की दृष्टि से हानिकारक मानव गतिविधियों में परिवर्तन के माध्यम से प्राकृतिक पर्यावरण की गुणवत्ता की रक्षा करना चाहता है। एक पर्यावरणवादी पूरी तरह से पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पित होता है और यही उसका धर्म होता है।

विश्व के कुछ जाने माने पर्यवार्नाविदों के नाम निम्न प्रकार हैं: क़ाज़ी खोलिकुज्जामन अहमद (पर्यावरण कार्यकर्ता और बांग्लादेश के अर्थशास्त्री), वंगारी माथई  (केन्या), हंटर लोविन्स  आदि।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई जानेमाने पर्यावरण विचारक रहे हैं जिनके काम मील के पत्थर साबित हुए हैं”, उन नामों में चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin), राल्फ एमर्सन  (Ralph Emerson), हेनरी थोरो (Henry Thoreau) , जॉन मुइर (John Muir), एल्डोलेओपाल्ड (Aldo Leopald), रेच कार्सन (Rache Carson) और ईओ विल्सन(EO Wilson) के नाम शामिल  हैं।

चार्ल्स डार्विन ने “Origin of Species” लिखा था, जो कि विभिन्न प्रजातियों और आवास स्थानों के बीच के संबंधों की व्याख्या करती है । अल्फ्रेड वालेस भी अपने काम के दौरान समान निष्कर्ष पर पहुंचे |

राल्फ एमर्सन  ने 1840 के दशक में हमारे पर्यावरण के लिए वाणिज्यिक गतिविधियों खतरों की बात की थी।1860 के दशक में हेनरी थोरो  ने एक वर्ष जंगल में रहने के बाद यह लिखा कि जंगलों को संरक्षित किया जाना चाहिए |

जॉन मुइर  को जंगलों के महान प्राचीन वृक्ष सेकोइया (कैलिफोर्निया में देवदार की जाति का एक वृक्ष) को बचाने के लिए याद किया जाता है। 1890 के दशक में इसने सिएरा क्लब का गठन किया जोकि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक प्रमुख संरक्षण संस्था है , एल्डो लेयोपाल्ड 1920 के दशक में अमेरिका में एक वन अधिकारी था। इसने जंगल संरक्षण और वन्य जीवन प्रबंधन पर कई नीतियों बनाईं ।

1960 के दशक में रेशल कार्सन  ने कई लेख प्रकाशित किए और उनमे  कीटनाशक दवाइयों का मानव और प्रकृति पर पड़ने वाले हानिकारक तत्वों की जानकारी दी । इसने बहुचर्चित किताब “Silent Spring” लिखी जो जन जागरूकता के लिए अंततः सरकार की नीतियों में बदलाव  ला पाई ।

ईओ विल्सन एक कीटविज्ञानी हैं जिनकी कल्पना के अनुसार पृथ्वी पर मानव अस्तित्व के लिए जैविक विविधता ज़रूरी है | इसने 1993 में “Diversity of Life” लिखी जिसे  पर्यावरण के मुद्दों पर प्रकाशित सबसे अच्छी किताब के लिए पुरस्कृत किया गया |

वंगारी माथई  (1940-2011)  केन्या में एक पर्यावरण और राजनैतिक कार्यकर्ता थे। संयुक्त राज्य अमेरिका में जीव विज्ञान का अध्ययन करने के बाद, वह अपना कैरियर पर्यावरण व सामाजिक प्रसंगों में बनाने के लिए केन्या लौट आईं | माथई ने अफ्रीका में ग्रीन बेल्ट आंदोलन की स्थापना की और 30 लाख वृक्ष लगाने में सहायता की, बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया साथ ही साथ मिट्टी के कटाव को रोका और जलाऊ लकड़ी को भी बचाया |

इन्हें पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन के लिए मंत्रालय में सहायक मंत्री नियुक्त किया गया था और महिलाओं के अधिकारों, राजनीतिक रूप से शोषित और प्राकृतिक वातावरण के लिए लड़ाई को जारी रखते हुए 2004 में माथई को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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