2017 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की देश को सौगातें
2017 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की देश को सौगातें
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नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए 2017 लगातार नई उचाईयो को छूने के लिहाज़ से बेशकीमती रहा. एक नज़र देश को दिए  गए इसरो के नायब तोहफों पर-  

  • 15 फरवरी को एक साथ एक मिशन में और एक ही प्रक्षेपणयान से 104 उपग्रह छोड़कर विश्व कीर्तिमान बना दिया. इससे पहले उसने पिछले साल एक साथ 20 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था. दुनिया के किसी अन्य देश ने अब तक एक साथ 100 उपग्रह अंतरिक्ष में नहीं भेजे हैं.
  • इसमें कार्टोसैट-2 मुख्य उपग्रह था जबकि 101 विदेशी समेत कुल 103 छोटे एवं सूक्ष्म उपग्रह थे. इस मिशन में सबसे चुनौतीपूर्ण काम था सभी उपग्रहों को इस प्रकार उनकी कक्षा में स्थापित करना कि वे एक-दूसरे से न टकराएं. इसरो ने इस काम को बखूबी अंजाम देकर यह साबित कर दिया कि उपग्रह प्रक्षेपण में उसने महारत हासिल कर ली है. इस मिशन से वैश्विक स्तर पर वाणिज्यिक प्रक्षेपण में उसकी साख और मजबूत हुई है तथा भविष्य में इस मद से देश के विदेशी मुद्रा अर्जन में तेजी आयेगी.
  • जून में इसरो ने जीएसएलवी प्रक्षेपण यान के अगले संस्करण जीएसएलवी एमके-3 डी-1 का सफल प्रक्षेपण किया. इस यान से 3,136 टन वजन वाले जीसैट-19 उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया.
  • इसरो द्वारा छोड़ा गया यह अब तक का सबसे भारी उपग्रह है. इस मिशन की सफलता के साथ ही भारत ने चार टन तक के वजन वाले उपग्रह को भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित करने की दक्षता प्राप्त कर ली है.  इससे पहले दो टन या इससे ज्यादा वजन के उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए हम विदेशों पर निर्भर थे.
  • इसरो ने 23 जून को एक साथ 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर एक बार फिर साबित कर दिया कि वह एक साथ कई उपग्रह छोडऩे में अपना कौशल तथा अनुभव बढ़ाता जा रहा है.
  • भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी सफलता के जश्न में पड़ोसी देशों को भी शामिल करते हुए 05 मई को दक्षेस देशों का साझा उपग्रह साउथ एशिया सैटेलाइट जीसैट-9 लांच किया. यह जीएसएलवी की लगातार चौथी सफल उड़ान रही. 
  •  इस साल इसरो ने कुल सात मिशन को अंजाम दिया .
  • इसके अलावा जीसैट-17 का प्रक्षेपण एरियन-5 वीए-238 से किया गया.
  • साल के दौरान जीसैट-17 समेत इसरो ने उसके अपने आठ और 130 विदेशी उपग्रह छोड़े. आने वाले वर्ष में इसरो ने अपने प्रक्षेपणों की सालाना संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. साथ ही उसने चंद्रयान-2 की भी तैयारी की है जिसका प्रक्षेपण मार्च 2018 तक होने की उम्मीद है.

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