कटनी जिले का चर्चित कल्पना कांड...
कटनी जिले का चर्चित कल्पना कांड...
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सिहोरा: कटनी जिले के उमरिया पान थाना क्षेत्र में वर्ष 2013 में कल्पना काछी के लापता होने के बाद परिजनों ने थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था जो स्कूल के लिये घर से निकली और लापता हो गई जिसके कुछ दिनों बाद क्षेत्र के एक कुएं में किसी अज्ञात लड़की का बोरी में बंधा  कंकाल मिला था जिसकी पहचान कर पर मुश्किल था जिसके बाद पुलिस ने लापता छात्रा के माता पिता का डीएनए नमूना लेकर विधि प्रयोग शाला सागर भेजा था लेकिन डीएनए जाँच में कंकाल किसी अन्य लड़की का पाया गया जिसके बाद अपहरण हुई छात्रा और कुएं में मिला कंकाल पूरे क्षेत्र वासियों के लिए अबूझ पहेली बनकर रह गया है लेकिन बीते चार सालों में न तो पुलिस ने छात्रा के अपहरण का सुराग लगाने में कामयाब हो सकी है और न ही यह जान पाई है कि किस युवती का कंकाल कुएं से बरामद हुआ है जिसके बाद पुलिस की भूमिका भी लोगों में सन्देहास्पद बनी हुई है।

कटनी जिला, उमरिया पान थाना के कुदवारी गांव की यह मर्डर मिस्ट्री पिछले चार साल से पहेली बनी हुई है। कुएं में मिले शव को परिजन बेटी का शव मान रहे हैं। पुलिस कह रह रही है कि डीएनए टेस्ट के अनुसार शव किसी और का है। वह शव (कंकाल) देने से इंकार कर रही है। पुलिस का अपना तर्क है, लेकिन परिजनों की आंखों में आंसू हैं कि बेटी तो दुनिया से गई, उसका शव भी उनका नहीं हो पाया है। दर्द भरी ये दास्तान कब खत्म होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। अब सवाल जिंदा है कि यदि कुएं में मिला शव शिवचरण की बेटी का नहीं है, तो आखिर उसकी बेटी कहां गई...? पुलिस अब दोनों पहलुओं पर पुन: मामले की जांच कर रही है।

यह थी वारदात

पुलिस के अनुसार पानउमरिया थानांतर्गत कुदवारी गांव स्थित एक कुंए में 15 मार्च 2013 को बोरे में बंधी अज्ञात किशोरी की लाश मिली। जांच में तथ्य सामने आए कि किशोरी की हत्या की गई है। हत्यारों ने धारदार हथियारों से न केवल किशोरी के अंगों को क्षति पहुंचाई, बल्कि तेजाब से उसे जला भी दिया। बम्हनी गांव निवासी सुभाष काछी की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। 16 मार्च को अज्ञात मृतिका की पहचान शिवचरण काछी की गुमशुदा बेटी कल्पना (16 वर्ष) के रूप में की गई। 17 मार्च 13 को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शव का अंतिम संस्कार किया गया।

नेगेटिव आई थी रिपोर्ट

परिजनों और ग्रामीणों ने घटना क्रम पर विरोध प्रदर्शन भी किया था। कुएं में मिले कंकालनुमा शव, पिता शिवचरण काछी व मां जागेश्वरी बाई के सेंपल डीएनए जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला सागर भेजे गए थे। 23 अप्रैल 2013 को जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट में कहा गया कि अज्ञात कंकाल के अवशेष से जागेश्वरी बाई एवं शिवचरण के जैविक संबंध नहीं हैं। डीएनए की रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद से मामला और सरगर्मी पकडऩे लगा, मृतका के पिता ने एसपी कार्यालय में अपील दायर की थी।

दोबारा उखाड़ा गया शव

शिवचरण काछी द्वारा तत्कालीन एसपी गौरव राजपूत को ज्ञापन सौंपा गया था कि 2013 में जो डीएनए टेस्ट कराया गया, वह ठीक से नहीं हुआ। पिता की मांग पर एसपी ने एक बार फिर डीएनए जांच कराने की कार्रवाई शुरु की थी। इसके बाद नायब तहसीलदास केपी पटेल, तत्कालीन थाना प्रभारी जेपी द्विवेदी, बीएमओ डॉ. योगेश झा की टीम परिजन व ग्रामीणों के साथ श्मशान घाट पहुंचे और कल्पना के शव को निकालकर सेंपल डीएनए के लिए भेजे गए थे। इसके साथ ही मां और पिता के सेंपल डीएनए जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला सागर भेजा गया। दूसरी बार भी डीएनए हुआ और इस बार भी रिपोर्ट निगेटिव आई।

4 साल से लापता है कल्पना

शिवचरण की मानें तो कल्पना 16 जनवरी 2013 को घर से बिना बताए कहीं चली गई थी। वापस न लौटने पर गुमशुदगी दर्ज करायी गई थी। परिजनों ने निजी प्रयासों से कल्पना को ढूंढने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस की कार्रवाई तब तेज हुई जब कुएं में किसी और लड़की की लाश मिल गई। घटना के बाद से परिजनों ने देवरी निवासी एक युवक पर संदेह जाहिर किया था। एक ओर जहां कल्पना के शव की पुष्टि आज तक नहीं हो पाई वहीं यह मामला पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। सूत्रों की मानें तो पुलिस संदेहियों पर भी नजर बनाए हुए है।

यूं बदलता रहा घटनाक्रम

घटना क्रम में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई अब भी लोगों के समझ से परे है। कुएं में क्षत-विक्षत हालत में नाबालिग किशोरी की लाश मिलना, फिर उसे कल्पना का मानना, परिजनों को शव लेने से इंकार करना, डीएनए रिपोर्ट का भी नेगेटिव आना चर्चा का विषय बना हुआ है। यदि जब डीएनए में शव के जैविक संबंध स्पष्ट नहीं हुए तो फिर किस आधार पर उसे कल्पना मान लिया गया। शव का मिलना जहां अभी भी परिजनों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है वहीं पुलिस के लिए भी अबूझ पहेली की तरह है।

इनका कहना है

इस संबंध में स्लीमनाबाद एसडीओपी कमला जोशी का कहना है कि कुदवारी में मिले शव को परिजन कल्पना बता रहे हैं, लेकिन दो बार डीएनए कराया गया। दोनों में रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इस आधार पर शव परिजनों को नहीं दिया गया और ना ही वह कल्पना का माना गया। कल्पना की लगातार तलाश जारी है। कुएं में किसका शव है इसके लिए भी क्षेत्र सहित दूर-दराज के थानों में गुमशुदगी आदि की जांच की जा रही है। कल्पना की तलाश नारीनिकेतन, कई शहर और स्थानों में की गई है अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगे हैं। जांच का क्रम जारी है।

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