आपके जीवन में ग्रहों की अशंति के कारण आने वाली समस्याओं का समाधान बहुत सरल उपायों द्वारा संभव है . शास्त्रों में वर्णित कुछ ऐसे मंत्र जिनका जप आपके जीवन को सुखद और संपन्न बनाता है . मंत्रशास्त्र में वह शक्ति है जो कठिन से कठिन समस्या को सुलझा सकती है .
लेकिन इनका लाभ तभी होता है। जब इन अनुष्ठानों को शुद्ध उच्चारण और पूर्ण विधि विधान से किया जाए. आप दान के माध्यम से भी ग्रहों को शांत कर सकते है. यहां हम कुछ सरल उपाय बता रहे हैं, जो काफी मददगार सिद्ध होते हैं. इन्हें किसी भी विद्वान ज्योतिषी की सहायता से पूरे कर सकते हैं.
सूर्य गृह की शांति के लिए -
रविवार के दिन स्नान एवं सूर्य को अर्ध्य देकर, कोई भी लाल वस्तु ब्राह्मण को दान दें. इससे सूर्य की अनुकूलता प्राप्त होती है.
चंद्रमा के लिए -
चंद्रमा की प्रसन्नता के लिए पंचगव्य, चांदी, मोती, शंख, सीप और कुमुद को जल में डालकर उससे स्नान करने से चंद्रमा का दुष्प्रभाव दूर हो जाता है।
मंगल गृह की शांति -
लाल वस्त्र, मसूर की दाल, रक्त चंदन, गुड़ गाय के दूघ का घी, केशर, कस्तूरी, गेहूं, लाल कनेर के फूल या कोई लाल फूल, मूंगा, रत्न, पीली या लाल रंग की गाय ये सब कुछ दान करने से मंगल का प्रभाव शांत हो जाता है.
बुध की शांति हेतु -
हरे वस्त्र, गाय के दूध का घी, शक्कर, कपूर, पीले पुष्प, पांच प्रकार के ताजा फल, सोना, पन्ना, कांस्य और धन के रूप में रुपये। इन सभी का दान करने से बुध से संबंधित पीड़ा दूर हो जाती है.
बृहस्पति गृह के लिए -
पीला वस्त्र, शक्कर, खिलौना, चने की दाल, हल्दी, पीले फूल, नमक, यथासंभव धन, सोने का पात्र, पुखराज और कांस्य का दान करने से बृहस्पति की अशुभता का अंत होता है.
शुक्र के लिए -
सफेद माला, सफेद फूल, सुंगंधित द्वव्य, हीरा, सोना, चांदी, दक्षिणा, रंग-बिरंगा वस्त्र, सफेद चंदन, दूध, दही चावल और मिश्री के दाना से शुक्रजनित पीड़ा दूर होती है.
शनि की शांति -
सरसों का तेल, काला वस्त्र, साबुत उड़द, काले फूल, नीलम, लोहा, कुलथी, कस्तूरी और पांच रुपये। इनका दान किसी जोशी जी को करने से शनि पीड़ा दूर होती है.
राहू- सरसों का तेल, सरसों, काले तिल, सीसा, नीले फूल, लोहे का कोई शस्त्र, कंबल आदि वस्तुएं नीले कपड़े में बांधकर जोशी जी को दान करें.