लखनऊ : यूँ तो जीवन में रंगों का बहुत महत्व है लेकिन जब से रंगों को जाति और राजनीति के रंगों में बांटा है, तब से इनकी चमक भी फीकी पड़ने लगी है.ऐसा ही एक मामला यूपी के हज़ हाउस का सामने आया है , जिसे भगवे रंग से रंगा जा रहा है . जिसका विरोधी दलों के साथ ही मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया है.
बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का भगवा रंग से लगाव किसी से छुपा नहीं है.लेकिन किसी ने नहीं साेचा था कि यूपी हज हाउस समिति की दीवारों काे भी भगवा किया जाएगा.अभी तक अंदर की दीवारों को रंगा जा रहा था, लेकिन शुक्रवार को बाहरी दीवारों को भगवा रंग से रंगा गया तो यह मामला सामने आया .खबर है कि अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड द्वारा हज हाउस समिति में भगवा रंग करवाया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के बाद कई सरकारी इमारतों को गेरुआ रंग में रंगा गया.हज हाउस की दीवारों को भगवा रंग में रंगने पर विपक्षी दलों सहित कई मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध किया है. वैसे उत्तर प्रदेश की राजनीति में रंग की यह परंपरा नई नहीं है. इसलिए सीएम योगी को दोष नहीं दिया जा सकता है . इससे पहले 1995 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की सरकार के समय हर जनसभा में लगाये गये पांडाल का रंग नीला होता था. उयहां तक की सूचना विभाग की डायरी का रंग भी नीला होता था. रंगों की इस लड़ाई ने आम जन के चेहरे का रंग उड़ा दिया है .
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