गुरु नानक ने दी सफलतम जीवन की सच्ची सीख
गुरु नानक ने दी सफलतम जीवन की सच्ची सीख
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जीवन में आगे बढ़ने , कुछ करने के लिए किसी न किसी पथ प्रदर्शक की आवश्यकता होती है. और जीवन में सद मार्ग  दिखाने वाला ही सच्चा गुरु होता है. जीवन की राह को सही दिशा देने वाला ही सबसे बड़ा होता है . इन्ही पथ प्रदर्शकों में एक महान व्यक्ति गुरुनानक देव थे बात उस समय की है जब गुरु नानक देव लाहौर यात्रा पर थे। उस समय कुछ अजीब ही नियम चलते थे. वो यह कि जिस व्यक्ति के पास जितनी अधिक संपत्ति हे, वह अपने घर के ऊपर उतने ही झंडे लगाता था.

उस वक्त लाहौर में एक व्यक्ति  के पास 10करोड़ रुपए की संपत्ति थी. इसलिए उसके घर की छत पर 10झंडे फहरा रहे थे. उस व्यक्ति को पता चला कि गुरु नानक जी लाहौर आए हैं. तो वो उनसे मिलने गया. और उस व्यक्ति ने उस महापुरुष गुरुनानक देव जी से सेवा का अवसर मांगा.

गुरु नानक जी ने उसे एक सुई देते हुए कहा, इसे ले जाइए और अगले जन्म में मुझे वापस करना. उस व्यक्ति ने सुई तो ले ली, लेकिन उसने सोचा कि अगले जन्म में यह सुई मैं कैसे ले जा सकूंगा मरने के बाद तो यह  मेरे साथ नहीं जाएगी ये तो यहीं पडी रह जाएगी. सोचते सोचते वह वापस गुरु नानक जी के पास गया और उसने कहा, मरने के बाद में यह सुई कैसे ले जा सकता हूं.

तब गुरु नानक जी ने कहा, जब तुम एक सुई अपने अगले जन्म में नहीं ले जा सकते तो इतनी सारी संपत्ति कैसे ले जा सकोगे. तुम क्यों जोड़ रहे हो इतनी संपत्ति जब तुम्हे यह पता है कि यह यहीं पडी रह जाएगी . तो इसका सद उपयोग क्यों नहीं करते. गरीबों की सहायता करो, परोपकार के रूप में इसे खर्च करो जीवन में धन  दौलत तो आता जाता है. इसी को सब कुछ मानकर मत जीयो . उस व्यक्ति ने जब यह बात सुनी तो उसकी आंखें खुल गईं। इस तरह उसने सभी दीन-दुखियों की मदद करना शुरू कर दिया.

कहने का तात्पर्य यह है कि धन का संचय उतना ही करना चाहिए जितनी जरूरत हो. लालच के चलते हम धन का संचय तो करते हैं लेकिन क्या आप उसे अपने अगले जन्म में ले जा सकेंगे? शायद नहीं. इस तरह सच्ची सीख देकर गुरु नानक जी ने उस व्यक्ति के साथ ही साथ अन्य लोगों की आँख खोल दीं 

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