दलितों की पिटाई के बाद किया आत्महत्या का प्रयास, CID जाँच के आदेश
दलितों की पिटाई के बाद किया आत्महत्या का प्रयास, CID जाँच के आदेश
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राजकोट : गुजरात के उना क्षेत्र में गोहत्या के आरोप में एक समुदाय के युवकों की बेरहमी से पिटाई कर दी गई। इसके विरोध में दलित युवकों ने राजकोट में दो स्थानों पर आत्महत्या करने का प्रयास भी किया। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने दलित समुदाय के सदस्यों की पिटाई को लेकर सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं। दूसरी ओर इस मामले की त्वरित सुनवाई हेतु विशेष न्यायालय गठित करने की घोषणा भी उन्होंने की। मुख्यमंत्री के आदेशों का उल्लेख करते हुए आदेश जारी कर दिया गया जिसमें कहा गया कि दलित वर्ग की पिटाई के मामले को सीआईडी को प्रस्तुत कर दिया गया है।

इस मामले में मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे करीब 60 दिनों के भीतर आरेपपत्र भी दाखिल करना होगा। इस मामले में आनंदीबेन पटेल ने घोषणा की कि राज्य सरकार घटना में घायल और दलित युवकों का चिकित्सा खर्च भी उठाएगी। दरअसल प्रभावितों का उना, जूनागढ़ और राजकोट के शासकीय चिकित्सालयों में उपचार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 1-1 लाख रूपए दिए जाने की घोषणा भी की। जिले के गोंडल में पिटाई के बाद पांच दलित युवक राजेश परमार, रमेश परधी, जगदीश राठौर, भरत सेलंगी और अनिल मघड़ ने नगर के बाजार क्षेत्र में डाॅ. बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा के करीब जहर पीकर आत्महत्या करने का प्रयास भी किया।

आत्महत्या करने का प्रयास करने वाले पीड़ित किशोर सोलंकी 30 वर्ष और अमृत परमार 25 वर्ष ने आत्महत्या करने का प्रयास भी किया। दरअसल इन 7 दलित युवकों का उपचार गोंडल के चिकित्सालय में हो रहा है। इस मामले में पुलिस अधिकारी द्वारा कहा गया कि गोंडल में आत्महत्या के प्रयास करने वाले 5 लित युवकों ने सभी को चेतावनी भी दी थी जिससे वे इस तरह का कदम उठा सकते हैं।

दरअसल उन्हें इससे रोकने हेतु पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध भी हुए थे लेकिन इसके बाद भी उन्होंने जहर का सेवन कर लिया। मिली जानकारी के अनुसार उना में कथिततौर पर गाय की हत्या करने के आरोप में दलित युवकों को सड़कों पर घुमा दिया गया। दूसरी ओर इन दलितों पर कोड़े भी बरसाए गए। इस घटना के वीडियो के वायरल हो जाने के बाद देशभर में लोग घटना की निंदा करने में लगे हैं।

दरअसल लोगों को कहना था कि जिस गाय की चमड़ी वे निकाल रहे थे वह पहले से ही मरी हुई थी। हालांकि इस घटना के बाद सीएम पटेल ने ट्विट किया और लिखा कि सरकार दलितों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है। आनंदीबेन पटेल ने ट्विटर पर लिखे संदेश में कहा कि वे पीड़ितों को हर तरह की सहायता देने में लगी हैं।

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