सोशल मिडिया के विभिन्न फॉर्मेट जैसे ट्विटर और फेसबुक पर की जाने वाली ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों को, जिनमें नफरत फैलाने वाले संदेश व खासतौर से सांप्रदायिक ध्वनि निकलती हो उन्हें अब इस सोशल फॉर्मेटो से हटाए जा सकेंगे. सरकार अब इस विषय की गंभीरता को समझते हुए संबद्ध सभी पक्षों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाने की योजना पर विचार कर रही है. यह बैठक, खास तौर पर दादरी की घटना की पृष्ठभूमि में बुलाई जा रही है, जिसमें अख़लाक़ नाम के एक मुसलमान व्यक्ति के गोमांस खाने की अफवाह के बाद उसकी पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी.
और खबर है की इस बैठक में गृह और दूरसंचार मंत्रालयों, खुफिया ब्यूरो, एनटीआरओ, फेसबुक और ट्विटर के प्रतिनिधि विचार विमर्श करेंगे. और इस तरह की प्रवृत्ति से निपटने की रणनीति तैयार करेंगे. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बारे में बताया है कि हम चाहते हैं कि खासतौर से ऐसे सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाले संदेशों जिनके द्वारा समाज को उकसाया जा सकता है, सोशल मीडिया मंचों से हटा दिया जाए.