पेट्रोलियम पदार्थों के उत्पाद शुल्क से सरकार ने भरा खजाना
पेट्रोलियम पदार्थों के उत्पाद शुल्क से सरकार ने भरा खजाना
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नई दिल्ली: पेट्रोलियम पदार्थों के उत्पाद शुल्क घटाने को लेकर सरकार भले ही अनिर्णय की स्तिथि में हो, जनता परेशान हो, लेकिन सरकार उत्पाद शुल्क के माध्यम से अपना खजाना भरे जा रही है. वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार को उत्पाद शुल्क की वसूली से 1लाख 98 हजार 793 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 80 फीसदी से अधिक है. यह जानकारी एमपी के नीमच के सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रशेखर गौड़ को सूचना के अधिकार के तहत हासिल हुई|

केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ा प्रबंधन निदेशालय ने आरटीआई के तहत अनावेदक गौड़ को 1 जून को भेजे गये जवाब में बताया गया कि सरकार वित्तीय वर्ष 2014 -15 में पेट्रोलियम उत्पादों पर 1 लाख 10 हजार 354 करोड़ की एक्साइज ड्यूटी वसूली थी. इससे यह बात स्पष्ट हो रही है कि सरकार जनता को राहत नहीं देते हुए खुद का खजाना भर रही है.जबकि अंतर् राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों के दाम कम होने के बावजूद उत्पाद शुल्क की वजह से जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है|

यदि आरटीआई के पिछले पांच सालों के रेकॉर्ड पर नजर डालें तो पता चलेगा कि 2011-12 के मुकाबले 2015-16 में पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी पर राजस्व संग्रह 166.12 प्रतिशत बढ़ चुका है|

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